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राम मंदिर को लेकर योग गुरु रामदेव ने केंद्र को दी चेतावनी, कहा देर की तो देश में हो जाएगा बवाल

locationवाराणसीPublished: Nov 16, 2018 04:22:21 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

पतंजलि फैशन स्टोर की ऐड फिल्म शूट करने काशी पहुंचे हैं रामदेव।

योग गुरु  रामदेव

योग गुरु रामदेव

वाराणसी. योग गुरु रामदेव ने राम मंदिर मुद्दे पर केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अगर राम मंदिर नहीं बना तो देश के हालात बिगड़ सकते हैं। राष्ट्रीय पैमाने पर कानून व्यवस्था का संकट पैदा हो जाएगा। कहा कि सामाजिक वैमनस्य से देश को नुक्सान होने की आशंका है। हमें अभी नहीं तो कभी नहीं की अवधारणा पर कार्य करना होगा।

बता दें कि राम मंदिर प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। लेकिन तमाम हिंदू संगठन यहां तक कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक कोर्ट से इतर आपसी समझौते का भी प्रयास कर रहे हैं। इधर आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद भी राम मंदिर निर्माण को लेकर काफी सक्रिय है। इस बीच योग गुरु रामदेव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि समझौते का दौर निकल चुका है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि संसद में कानून लाओ और मंदिर बनाओ। कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं की तर्ज पर काम करना होगा।
पतंजलि फैशन स्टोर की ऐड फिल्म शूट करने पहुंचे रामदेव ने मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम में एक पुस्तक का विमोचन किया। वहीं पर बाबरी मस्जिद के मुस्लिम पक्षकार द्वारा कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाने के मसले पर कहा कि भारत में हिन्दू और मुसलमान किसी को कोई खतरा नहीं है। अहिंसा और प्रेम इस देश का मूल तत्व है। ऐसे में मज़हबी उन्माद राष्ट्र में नहीं है। लेकिन यदि राम मंदिर नहीं बना तो देश में साम्प्रदयिक माहौल गर्माएगा और सामाजिक वैमनस्य से देश को नुक्सान होने की आशंका है।
रामदेव ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए चाहे अध्यादेश लाना हो या कानून बनाना हो कुछ भी हो करना ही होगा। अब मंदिर निर्माण में विलम्ब नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देखते देखते 25 साल बीत गए, अब अभी नहीं तो कभी नहीं की अवधारणा पर काम करना होगा।
अयोध्या में 25 नवम्बर को विहिप की धर्म संसद पर बोलते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि धर्म संसद सिर्फ संसद पर दबाव के लिए नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से इतना विलंब हुआ है कि लोगों के सब्र का बांध टूट गया है। संसद संविधान का लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है और नरेंद्र मोदी से बड़ा राम भक्त और देश भक्त प्रधानमंत्री कब कौन होगा? उन्होंने कहा कि सारे देशवासियों की इच्छा है, इसमें अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सभी को जोड़ना चाहता हूं क्योंकि हिन्दू और मुसलमान दोनों के पूर्वज भगवान राम थे। ऐसे में राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार संसद में कानून बनाती है तो उसका विरोध करने की हिम्मत कोई नहीं कर पाएगा। इस देश में परस्पर दलों का विरोध हो सकता है राम का विरोध राष्ट्र में नहीं है।
भारतीय राजनीति में लगातार अभद्र भाषा के प्रयोग पर बोलते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि भारतीय राजनीति में संस्कार और संस्कृति क्षीण हो रही है। मौलिक अधिकारों की बात तो हो रही है लेकिन हमारे संवैधानिक और जो मौलिक नैतिक कर्त्वय हैं उनका ह्रास हो रहा है और इसके ऊपर पक्ष और प्रतिपक्ष, सत्ता पक्ष और विपक्ष को बहुत गंभीरता से सोचना चाहिए। रामदेव ने विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं से अपनी भाषा में सुधार करने की सलाह दी। कहा कि छींटाकशी रोज होती रहती है, इसलिए पक्ष-विपक्ष के मुद्दों में नहीं पढ़ना चाहता। उन्होंने खुद को सर्वदलीय निर्दलीय बताया।
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