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बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग का शोध: MND और माइग्रेन जैसी लाइलाज बीमारियों के इलाज में योगासन प्रभावी

locationवाराणसीPublished: Jun 21, 2022 04:41:37 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग ने न्यूरो संबंधी जटिल व लाइलाज बीमारियों के इलाज में योगासनों पर प्रयोग कर बड़ी सफलता अर्जित की है। विभाग के प्रोफेसरों का दावा है कि योगासन माइग्रेन एमएनडी जैसी लाइलाज बीमारियों पर असरकारक है। आज विश्व योग दिवस के मौके पर न्यूरोलॉजी विभाग में कार्यशाला आयोजित कर मरीजों व विद्यार्थियों को विभिन्न आसनों की जानकारी भी दी गई।

योगासन से न्यूरो डिजीज का इलाज, बीएचयू के न्युरोलॉजी विभाग में विश्व योगदिवस पर कार्यशाला

योगासन से न्यूरो डिजीज का इलाज, बीएचयू के न्युरोलॉजी विभाग में विश्व योगदिवस पर कार्यशाला

डॉ अजय चतुर्वेदी

वाराणसी. मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND) जैसी लाइलाज जानलेवा बीमारी हो या माइग्रेन इन दोनो पर नियमित योगाभ्यास से काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। ये दावा है बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के न्यूरोलॉजी विभाग का। विभाग के एक्सपर्ट विगत पांच साल से इन दोनो बीमारियों पर योगाभ्यास के असर को परख रहे थे। अब उनका कहना है कि योगासनों का सकारात्मक असर दिखा है। आज विश्व योग दिवस पर न्यूरोलॉजी विभाग में विभिन्न मरीजों और विद्यार्थियों की एक कार्यशाला भी आयोजित की गई जिसमें उन्हें योगासनों की जानकारी दी गई।
एमएनडी के 50 और माइग्रेन के 160 रोगियों पर किया गया अध्ययन

आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग में विगत पांच साल में एमएनडी जैसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहे 50 और माइग्रेन के 160 रोगियों पर अध्ययन किया गया। अब वो वैज्ञानिक मानते हैं कि इन दोनों ही रोगो पर योगासन का सकारात्मक असर पड़ता है। यहां ये भी बता दें कि माइग्रेन पर प्रो आनंद कुमार तथा एमएनडी पर प्रो अभिषेक पाठक काम कर रहे हैं।
योगासन से न्यूरो डिजीज का इलाज, बीएचयू के न्युरोलॉजी विभाग में विश्व योगदिवस पर कार्यशाला को संबोधित करते प्रो वीएन मिश्र
एक घंटे का योगासन कैप्सूल शेड्यूल किया गया

इस संबंध में आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर आनंद कुमार ने पत्रिका को बताया कि योग के 15-20 खास आसन को मिला कर एक घंटे का स्पेशल प्रोटोकॉल शेड्यूल किया गया है। इस अलग-अलग चरण में कराया जाता है। इसके तहत पहले चरण में पांच-पांच मिनट के अंतराल पर ब्रीथिंग, स्ट्रेचिंग, रिलेक्शेसन से जुड़े आसन कराए जाते हैं। इसके अलावा अर्द्धचक्र आसन, अधोमुख आसन, सेतु बंध आसन, भुजंग आसन, वक्र आसान कराया जाता है। साथ ही प्राणायाम के तहत कपाल भारती व नाड़ी शुद्धि भ्रमरी आदि कराया जाता है। इसे पहले अपने सामने करा कराया जाता है। फिर मरीजों को महीना-दो महीना घर पर ये सारे आसन करने की सलाह दी जाती है। प्रो कुमार के अनुसार ये शोध पिछले चार-पांच साल से चल रहा है। उन्होंने बताया कि इन आसनों को करा कर ये पाया गया कि मरीजों की दवा की मात्रा कम हो गई। साथ ही सेहत में भी काफी सुधार नजर आए। बताया किये शोध अमेरिकन जनरल में प्रकाशित भी हो गया है और दुनिया के न्यूरो एक्सपर्ट ने इसे स्वीकार भी किया है योगासन, गंभीर व लाइलाज बीमारियों पर असरकारक है। प्रो कुमार के इसे और प्रभावी बनाने को शोध अभी जारी है।
योगासन से न्यूरो डिजीज का इलाज, बीएचयू के न्युरोलॉजी विभाग में विश्व योगदिवस पर कार्यशाला
शोध में ये भी कर रहे सहयोग

इस शोध में विभागाध्यक्ष प्रो विजय नाथ मिश्र, प्रो अभिषेक पाठक, प्रो वरुण कुमार सिंह सहयोग कर रहे हैं।

“न्यूरो से जुड़ी कई बीमारियों पर योगासनों का पॉजिटिव इफेक्ट होता है। विभिन्न योगासनों से न्यूरो संबंधी अनेक जटिल बीमारियों का इलाज संभव है।”- प्रो आनंद कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, न्यूरोलॉजी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
बीएचयू के न्युरोलॉजिस्ट प्रो आनंद कुमार
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