हाथ से मिले हाथ और चल पड़ा स्वच्छता अभियान सोमवार को आराजी लाईन ब्लाक के ग्राम पंचायत कचनार क्षेत्र में स्थित दम तोड़ते संगम तालाब में जमा गंदगी को साफ करने का संकल्प युवाओं ने लिया और बढ़ चले कदम। हालांकि तालाब काफी बड़ा है मगर युवाओं के संकल्प दृढ है कि इसे पूरी तरह से साफ कर के ही दम लेंगे। दर्जनों की संख्या में घरों से बाहर आए युवाओं और ग्राम प्रधान की ओर से लगाए गए दो दर्जन से अधिक मज़दूरों ने श्रमदान से इस तालाब को स्वच्छता तथा पुनर्जीवित करने का काम शुरू कर दिया है। जलकुंभी, गंदगी तथा कचरे के ढेर को साफ किया जा रहा है।
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ग्रामीण रोजमर्रा के काम में लाते थे तालाब का पानी स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस तालाब का उपयोग क्षेत्र वासी नहाने के साथ अन्य जरूरी कार्यों में करते रहे हैं। लेकिन इसकी साफ सफाई ना होने से तालाब में जलकुंभी के साथ अन्य जलीय पौधों ने तालाब को पूरी तरह से ढक दिया जिससे इसका पानी उपयोग लायक नहीं रहा। धीरे-धीरे गंदगी से तालाब की तलहटी भरती जा रही थी। अगर इसकी सफाई नहीं की जाती तो कुछ समय बाद यह मात्र गंदगी से भरा तालाब नजर आता।
युवाओं ने ठाना है तालाब को स्वच्छ बनाना है श्रमदान में शामिल स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तालाब की साफ-सफाई कराए जाने को लेकर ज़िम्मेदार विभाग और जनप्रतिनीधियों को कई बार कहा गया। लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो युवाओं ने सामूहिक श्रमदान का निर्णय लेते हुए तालाब की सफाई करने का काम शुरू किया है। सोमवार सुबह सभी युवा एकजुट हो कर तालाब की साफ सफाई में जुट गए। सुबह से शाम तक की मेहनत के बाद तालाब किनारे की गंदगी को काफी हद तक निकाल दिया गया है। युवाओं ने ठाना है कि अब तालाब को पूरी तरह से साफ करके ही दम लेंगे। तालाब सफ़ाई अभियान की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे आराजीलाईन ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ महेंद्र सिंह पटेल ने तालाब को मूल रूप में वापस लाने को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।
तालाब सफाई को अधिकारी से जनप्रतिनिधि तक से लगाई गुहार पर नही हुई सुनवाई तालाब सफाई अभियान में मुख्य भूमिका निभाने वाले राजकुमार गुप्ता ने बताया कि धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी मार्ग और गांव के अंदर आने के मुख्य रास्ते पर ही तालाब है। गंदगी से पटा होने के कारण उससे दुर्गंध आती थी। कई बार ज़िम्मेदार जनप्रतिनीधियों और अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन कहीं से कोई मदद न होते देख हम युवाओं ने ही खुद श्रमदान करके पूरे तालाब से जलकुंभी को हटाने की पहल की है। इसमें ग्राम प्रधान का भी सहयोग मिल रहा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने भूमि पूजन के पश्चात मिठाई खिलाकर युवाओं को प्रोत्साहित किया। लोगों ने युवाओं के इस नेक कार्य को खूब सराहा।
जल स्रोत धरोहर संभालना जरूरी श्रमदान के मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने बताया कि अगर हम सभी मिलकर थोड़ा सा प्रयास करें तो जीवनदायनी इन तालाबों का भविष्य जन सहभागिता से संवार सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि इन जलस्रोतों के धरोहर को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। समाजसेवी मनोज पटेल ने बताया कि जिम्मेदारों के जल स्रोतों के रखरखाव व संरक्षण के दावे कागजों में सिमटे ज्यादा नजर आते हैं। अगर इन्हें संभाला जाए तो आने वाली पीढ़ियों को यह बहुमूल्य तालाब स्वच्छ जल देने में सहायक बनेंगे। स्थानीय कृष्णा प्रसाद जायसवाल ने बताया कि प्राचीन मंदिर पंचक्रोशी मार्ग पर तालाब होने से आते जाते क्षेत्रवासी इसकी दुर्दशा देखकर चिंता व रोष तो जाहिर करते हैं लेकिन सख्त कदमों को आगे बढ़ाने में पहल न किए जाने से स्थिति बदतर हुई है।
प्रदूषण युक्त दूषित जल चिंताजनक वैसे तो इस क्षेत्र में कई प्राचीन जल स्रोत व तालाब है लेकिन सभी दुर्दशा का शिकार है। क्षेत्र के तालाबों की स्थिति दयनीय बनी है वही मानव स्वास्थ्य के लिए घातक प्लास्टिक, रसायन आदि से ओतप्रोत मलबों से लिपटे तथा लगातार कूड़ा करकट के साथ धार्मिक आयोजनों की वस्तुओं को इनमें डाले जाने के बारे में किसी भी प्रकार का ख़ौफ़ या चिंता दिखाई नहीं देती। सरकार के साथ-साथ लोगों की उदासीनता, लापरवाही और जागरूकता का अभाव तालाबों की रौनक को खत्म कर रहा है इसलिए इस को प्राथमिकता से लेना होगा।
ये रहे शामिल
तालाब की सफाई व श्रमदान में मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, मनोज पटेल, डा. महेंद्र सिंह पटेल, विजय पटेल, महेंद्र राठौर, मंगरू, प्रमोद सिंह, कृष्णा प्रसाद जायसवाल, पप्पू विश्वकर्मा, संजय सोनकर, रमेश सोनकर, बंटी गुप्ता, रतन समेत बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे।