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वाराणसी

देश में आर्थिक संकट पर बोले युवा, किसानों की अनदेखी पड़ी भारी, सरकार जल्द दे ध्यान

यह कृषि प्रधान देश है औऱ बिना कृषि उत्पादन ठोस किये यहां के आर्थिक संकट को उबार पाना आसान नहीं है

वाराणसीAug 20, 2019 / 04:31 pm

Ashish Shukla

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यह कृषि प्रधान देश है औऱ बिना कृषि उत्पादन ठोस किये यहां के आर्थिक संकट को उबार पाना आसान नहीं है

वाराणसी. देश में मंदी के हालात को लेकर पत्रिका ने अपने सेग्मेंट ‘डिबेट’ में कुछ युवाओं से चर्चा किया। युवाओं से जाना कि आखिर इस मंदी की स्थिति में वो अपने कैरियर को कितना सेफ मानते हैं। साथ ही चर्चा की गई कि सरकार को इस खतरे से उबरने के लिए क्या ठोस कदम उठाने चाहिए। परिचर्चा के दौरान तकरीबन एक स्वर में छात्रों ने कहा कि सरकार को सबसे पहले किसानों के हित के बारे में सोचना चाहिए। क्यूंकि यह कृषि प्रधान देश है औऱ बिना कृषि उत्पादन ठोस किये यहां के आर्थिक संकट को उबार पाना आसान नहीं है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र अभिषेक छा ने कहा कि सालों से किसानों की अनदेखी करना सरकार को भारी पड़ा है। आज युवा कृषि से मुंह मोड़ रहे हैं। अभिषेक ने कहा कि जहां किसान पैदावार भी कर रहें वहां उनको फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा। ऐसे में सरकार को सबसे पहले किसानों का उत्साह बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में नये तकनीकी का उपयोग कराकर उन्हे इस ओर मोड़ना चाहिए ताकि हमारे किसान पूरी ताकत कृषि पर ध्यान दे सकें।
इसी विवि के छात्रनेता राजमंगल पांडेय कहते हैं कि आर्थिक मंदी कोई एक या दो दिन की देन नहीं है। ये सालों से किसानों के साथ किये गये छल का परिणाम है। किसानों के सहयोग करने के साथ ही सरकार को फोकस करना चाहिए कि वो किन चीटों का आयात दूसरे देशों से कर रही। उन फसलों का उत्पादन सरकार को भारत में कराना चाहिए उसके लिए किसानों का पूरा सहयोग करना चाहिए। पांडेय ये भी कहते हैं कि बाहरी कंपनियों के बजाय देश के उद्यमियों को सरकार बिजनेस में बड़े मौके दे ताकि यहां का धन बाहर जाने के बजाय देश को मजबूत कर सके।
विश्वविद्यालय के छात्र सूरज पांडेय कहते हैं कि किसान हो या व्यापारी देश के कई हिस्सों को अब भी सरकार आधारभूत सुविधायें देने में नाकाम रही है। जिस कारण गांवों में आज भी अपना काम शुरू करना मुश्किल है। सूरज कहते हैं कि हमें नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला बनना होगा। लेकिन इसके लिए गांवों और हर हिस्से के खासकर युवाओं पर सरकार को फोकस करना होगा।

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