दुकान संचालक सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि वे रविवार रात करीब आठ बजे दुकान बंद कर घर गए थे। सोमवार सुबह सवा दस बजे दुकान पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गए। पूरा सामान बिखरा था। दराजे का लॉक टूटा था और पीछे के लोहे के दो-दो दरवाजे खुले थे। पास में ही एक बड़ा हथौड़ा पड़ा था, जिससे गेट को टेड़ा किया गया था। चौधरी ने बताया कि दराज में रखे करीब 18 हजार रुपए नकदी सहित दीवाली पर हर साल खरीदे जाने वाले करीब 10 चांदी के सिक्के गायब थे। वहीं उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सुबह पहुंची एफएसएल टीम
घटना की जानकारी लगते ही सोमवार सुबह कोतवाली पुलिस पहुंची, इसके बाद एफएसएल टीम ने जाकर मौका-मुआयना किया। पुलिस डॉग सूंघता-सूंघता पटरी के पास तक पहुंचा। वहीं टीम द्वारा फिंगर प्रिंट आदि लिए हैं।
घटना की जानकारी लगते ही सोमवार सुबह कोतवाली पुलिस पहुंची, इसके बाद एफएसएल टीम ने जाकर मौका-मुआयना किया। पुलिस डॉग सूंघता-सूंघता पटरी के पास तक पहुंचा। वहीं टीम द्वारा फिंगर प्रिंट आदि लिए हैं।
असामाजिक तत्वों का लगा रहता है जमावड़ा
चौधरी सहित कई दुकानदारों ने बताया कि यहां चौपाटी के नाम पर विकसित की गई जगह पर दिनभर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। वहीं रात को इनकी संख्या ज्यादा बढ़ जाती है और शराब पीने के साथ अन्य संदिग्ध गतिविधियां होती हैं। इनमें से ही कई लोग दिन में रैकी कर लेते हैं और इस तरह चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
चौधरी सहित कई दुकानदारों ने बताया कि यहां चौपाटी के नाम पर विकसित की गई जगह पर दिनभर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। वहीं रात को इनकी संख्या ज्यादा बढ़ जाती है और शराब पीने के साथ अन्य संदिग्ध गतिविधियां होती हैं। इनमें से ही कई लोग दिन में रैकी कर लेते हैं और इस तरह चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।