उन्होंने कहा कि वार्डों में पाइप लाइन डलने से कार्य रुक गए थे। बारिश बाद इन्हें तेजी से शुरू कराया जाएगा। नपा के पास 54 करोड़ की राशि है। इन ५0 करोड़ के कार्यों के बाद जो राशि बच रही उसमें पार्षद शहर के विकास संबंधी प्रस्ताव दे सकते हैं ताकि इस राशि को भी विकास कार्य में लगाया जा सके।
कुछ प्रस्तावों पर आपत्ति
बैठक में कुछ प्रस्तावों पर पार्षदों ने आपत्ति जताई। मनोरंजन कर के मामले में पार्षद केके गुप्ता का कहना रहा कि चुनाव आ रहे ऐसे में किसी भी तरह का कर ठीक नहीं इस प्रस्ताव को हटा दें। पार्षद राजेश नेमा का कहना रहा कि पहले संपत्ति कर कम करने का वादा किया था वह वादा निभाया नहीं और अब नया कर और ला रहे हैं। पार्षदों की आपत्ति के बाद नपाध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को हटाने की बात कही। वहीं दुकानों के निरस्तीकरण संबंधी प्रस्ताव पर पार्षद डालचंद अहिरवार ने आपत्ति ली और उनकी आपत्ति पर सहमति जताते हुए दुकानों का निरस्तीकरण न किया जाना तय किया गया।
कर्मचारी नहीं सुनते, पार्षदों ने जताई नाराजी
बैठक के दौरान पार्षदों में इस बात की भी नाराजी रही कि कर्मचारी हमारी नहीं सुनते यहां तक कि फोन तक नहीं उठाते। उठाते भी है तो ठीक से बात नहीं करते। यह शिकायत पार्षद राजेश राय एवं नवनीत कुशवाह ने की। शिकायत इंजीनियर नीरज धुर्वे व रामप्रसाद जायसवाल के संंबंध में रही। इस पर अध्यक्ष टंडन ने कर्मचारियों को चेतावनी दी कि ऐसे अधिकारी जो पार्षदों की बात नहीं सुन सकते वे खुद अपना ट्रांसफर करा लें। फोन कभी भी किसी का आए उसे उठाना और बात सुनना हर कर्मचारी की नैतिक जिम्मेदारी है।