बारिश के दौरान समस्या बढ़ गई
अनाज मंडी से मिली जानकारी के अनुसार मंडी में सफाई कार्य का ठेका नगरपालिका का है। हर माह नपा को 50 हजार रुपए भुगतान किया जाता रहा है। इस कार्य के तहत नालियों की सफाई, सुलभ शौचालय, परिसर की गंदगी आदि दूर किए जाने का कार्य है, लेकिन नियमित सफाई नहीं होने से मंडी परिसर में गंदगी की भरमार है। बारिश के दौरान यह समस्या और अधिक बढ़ रही।
परेशानी का सामना करना पड़ रहा
कई व्यापारियों की दुकानों के सामने कीचड़ है। यहां तौल कांटे के आसपास गंदा पानी भरा हुआ जो सड़ांध मार रहा। यहां कई बड़े गड्ढे है जिनमें पानी भरे रहने से हादसों का डर बढ़ गया है। ऐसी हालत इस मंडी के सामने छोटी मंडी की बनी हुई है। यहां भी कचरों के ढेर और दुकानों के सामने कीचड़ है और बारिश के दौरान किसानों को व्यापारियों को दुकानों पर आनेजाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा।
परिसर में ट्रकों का भी कब्जा
मंडी परिसर में अब बड़ी संख्या में ट्रकों की भी अनधिकृत रूप से पार्किंग होने लगी है। मंडी के नीलाम परिसर, दुकानों के शेड के पास तो कहीं मंडी के मेनरोड के किनारे परिसर के अंदर बड़ी संख्या में ट्रक खड़े हो रहे। नीलाम कार्य के दौरान किसानों को ट्रैक्टर ट्रॉलियां निकालने में परेशानी आती है। इस दौरान मंडी कार्यालय से ट्रकों को हटाए जाने की सूचना भी प्रसारित होती रहती है, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा और किसानों के साथ ही मंडी कर्मचारी भी परेशान हैं।
सफाई के लिए नए टैंडर की प्रक्रिया
नपा की सफाई व्यवस्था को अपेक्षानुरूप नहीं पाए जाने पर अब मंडी ने सफाई कार्य के लिए टैंडर प्रक्रिया पर कार्य शुरू किया है। मंडी कर्मचारियों के अनुसार सफाई कार्य के लिए नए टैंडर कर दिए गए हैं। वहीं मंडी परिसर में अनधिकृत रूप से खड़े रहने वालों को हटवाने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है।
करीब एक माह से मंडी में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। हर तरफ गंदगी होने से व्यापारी व किसानों को परेशानी हो रही। वहीं परिसर में खड़े ट्रकों से भी दिक्कत आती है। मंडी प्रशासन को व्यवस्था दुरुस्त करना चाहिए। -राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन संघ वर्जन परिसर से अनधिकृत ट्रकों को हटाने के लिए कोतवाली थाने को पत्र लिखा गया है। सफाई के लिए टैंडर प्रक्रिया जारी है। शीघ्र ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाएगा।
कमल बगवैया, मंडी सचिव