56 crore moong डेढ़ माह के बीच जिले में 56 करोड़़ की मूंग फसल तैयार
10 दिन बाद शुरू हो जाएगी कटाई
विदिशा
Published: May 22, 2022 12:45:29 am
विदिशा। जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल खेतों में लहलहा उठी है। इस बार करीब 8 हजार हैक्टेयर में किसानों ने मूंग फसल लगाई है। कम समय और कम लागत की यह फसल अब 20 दिन की हो चुकी और 10 दिन बाद फसल की कटाई शुरू हो जाएगी। आठ हजार हैक्टेयर में लगाई गई यह फसल करीब 56 करोड़ रुपए की होगी जो किसान के लिए अतिरिक्त आय के रूप में मददगार रहेगी और इस फसल की कटाई के बाद किसान धान, सोयाबीन, मसूर आदि की बोवनी भी समय पर कर सकेंगे।
मालूम हो कि जिले में चार वर्ष पहले मूंग का रकबा सिर्फ 500 हैक्टेयर था, लेकिन इस फसल के लाभ से किसानों का रुझान हर वर्ष मूंग फसल की तरफ बढ़ा जिससे गत वर्ष इसका रकबा बढ़कर 2600 हैक्टेयर एवं इस वर्ष 8000 हैक्टेयर तक पहुंच गया है। रबी फसल की कटाई के साथ ही जिले में मूंग की बोवनी शुरु हो चुकी थी और अब इस बार बड़े हैक्टेयर में यह फसल खेतों में लहलहा रही है। मूंग फसल में फलियां आ चुकी और आगामी दस दिन में फसल पकने के साथ ही इसकी कटाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा। कृ षि विभाग के मुताबिक यह फसल सिर्फ 60 दिन की है और इसकेे बाद किसान खरीफ की बोवनी कर दूसरी फसल भी ले सकेगा।
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प्रति हैक्टेयर में होगी करीब 70 हजार की पैदावार
कृषि विभाग के मुताबिक मूंग की फसल प्रति हैक्टेयर 10 से 12 क्विंटल तक तक होती है। जबकि इसके इसके दाम 7 हजार रुपए क्विंटल तक मिलते हैं। तरह 8 हजार हैक्टेयर में औसतन 80 हजार क्विंटल पैदावार होने की संभावना है जो करीब प्रति क्विटल मान 7 हजार के मान से 56 करोड़ की रहेगी और प्रति हैक्टेयर औसतन 70 हजार की फसल होगी जबकि इसमें प्रति हैक्टेयर लागत बखरनी, बीज, लेबर , बाेवनी व अन्य कार्य में करीब 20 हजार रुपए तक रहती है। इस तरह लागत निकाल दें तो औसतन 50 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर तक किसानों को इसमें शुद्ध लाभ होना संभावित है। दो माह में प्रति हैक्टेयर का यह लाभ किसानों की आगामी फसल की तैयारी व जरूरतों की पूर्ति करने में मददगार बन सकेगा।
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कटाई के लिए मशीन लाने की भी तैयारी
किसानों को मूंग फसल की कटाई करना आसान हो सके इसके लिए कृषि विभाग मशीन लाने की भी तैयारी कर रहा है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों में मूंग की कटाई मशीनों से की जा रही जो काफी आसान है। इस मशीन का यहां भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी कीमत सवा से डेढ़ लाख रुपए तक है जबकि इसमें 50 प्रतिशत तक सबसिडी भी दी जाएगी। किसान मशीन का प्रदर्शन देख एवं कटाई कार्य को आसान करने के लिए इसे खरीदना चाहेंगे तो इन्हें यह मशीन उपलब्ध हो सकेगी।
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अब ड्रोन से होगा कीटनाशकों का छिड़काव
विभागीय अ धिकारियों के मुताबिक जिले में फसलों पर दवा का छिड़काव करना भी आसान बनाने की तैयारी है। इसके तहत आगामी समय में दवा छिड़काव ड्रोन कैमरे से किया जाना संभव हो सकेगा। यह ड्रोन भी प्रदर्शन के लिया बुलवाया जा रहा है। इसके जरिए बहुत कम समय में फसल पर दवा का छिड़काव होगा। वहीं ड्रोन की कीमत करीब 5 लाख 50 हजार से 6 लाख के करीब है। इसकी खरीदी पर भी 50 प्रतिशत तक की सबसिडी की सुविधा है। इसमें सेंसर लगा होगा यह खेत की बाउंड्री से बाहर नहीं जाएगा और किसान खेत में एक स्थान पर बैठकर पूरी फसल पर सुरक्षित तरीके से कीटनाशक का छिड़काव कर सकेगा। इससे बड़ा लाभ यह कि खेत में करंट, सर्पदंश, खेत की गीली मिट्टी आदि मु श्किलों का सामना किसान को नहीं करना पड़ेगा।
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वर्जन
पहली बार एक हैक्टेयर में प्रयोग के तौर पर मूंग लगाई थी फसल बहुत अच्छी आई है। मार्च में ही बोवनी कर दी थी जिससे अब फसल की कटाई भी शुरू कर दी है। 10 से 15 क्विंटल तक फसल का अनुमान है। अगली बार यह रकबा और अधिक बढ़ाएंगे।
-ज्ञानसिंह कुशवाह, किसान, ग्राम गोबरहेला
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प्रदेश के अन्य जिलों की तरह विदिशा में मूंग का रकबा लगातार बढ़ रहा है। यह फसल किसानों की समृद्धि में बड़ी मददगार साबित होगी। इससे किसान को अतिरिक्त आय होगी और वह अपनी कई महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर सकेंगे।
-पीके चौकसे, उपसंचालक कृषि विभाग
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डेढ़ माह के बीच जिले में 56 करोड़़ की मूंग फसल तैयार
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