मालूम हो कि संबंल योजना के तहत पंजीकृत व्यक्ति की मौत पर उसके वारिस या परिजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से एक बड़ा घपला सामने आया है। नगरपालिका ने संबंल योजना के तहत आए चार आवेदन बगैर सत्यापन के ही सीधे पोर्टल पर अपलोड कर दिए। वहीं श्रम विभाग के अधिकारियों ने भी मामले की छानबीन करे बिना ही चेक जारी कर दिए।
यह है मामला
नगरपालिका से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड 18 रंगियापुरा निवासी सुनील अहिरवार, वार्ड 38 में पूरनपुरा निवासी हीरालाल कुशवाह, वार्ड 19 तलैया निवासी जगदीश विश्वकर्मा और वार्ड 32 सुभाषनगर निवासी अंगूरीबाई ने संबंल योजना के आवेदन किए थे। यह आवेदन अन्य आवेदनों की तरह प्रक्रिया में थे, लेकिन सत्यापन नहीं हुआ था। इसी बीच इन चारों की एक-एक कर मृत्यु हो गई। लेकिन नपा की संबंल योजना शाखा के दो कर्मचारियों ने इनका पंजीयन होने के पहले ही इनकी मृत्यु के बाद फार्म पोर्टल पर अपलोड कर दिए।
नगरपालिका से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड 18 रंगियापुरा निवासी सुनील अहिरवार, वार्ड 38 में पूरनपुरा निवासी हीरालाल कुशवाह, वार्ड 19 तलैया निवासी जगदीश विश्वकर्मा और वार्ड 32 सुभाषनगर निवासी अंगूरीबाई ने संबंल योजना के आवेदन किए थे। यह आवेदन अन्य आवेदनों की तरह प्रक्रिया में थे, लेकिन सत्यापन नहीं हुआ था। इसी बीच इन चारों की एक-एक कर मृत्यु हो गई। लेकिन नपा की संबंल योजना शाखा के दो कर्मचारियों ने इनका पंजीयन होने के पहले ही इनकी मृत्यु के बाद फार्म पोर्टल पर अपलोड कर दिए।
बगैर नोटशीट के कर दिया अपलोड
नपा से मिली जानकारी के अनुसार नपा के दो कर्मचारियों ने व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए बगैर नोटशीट बनाए और संबंल योजना के तत्कालीन प्रभारी को बताए बिना सीधे आवेदन पोर्टल पर अपलोड कर दिए। फिर श्रम विभाग अधिकारियों ने भी इसकी छानबीन किए बगैर 2-2 लाख रुपए के चेक बनाकर नपा को सौंप दिए।
नपा से मिली जानकारी के अनुसार नपा के दो कर्मचारियों ने व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए बगैर नोटशीट बनाए और संबंल योजना के तत्कालीन प्रभारी को बताए बिना सीधे आवेदन पोर्टल पर अपलोड कर दिए। फिर श्रम विभाग अधिकारियों ने भी इसकी छानबीन किए बगैर 2-2 लाख रुपए के चेक बनाकर नपा को सौंप दिए।
हितग्राहियों से वसूली के लिए भेजा नोटिस
जब यह मामला उजागर हुआ तो नपा ने अपना कारनामा छिपाने के लिए हितग्राहियों को ही राशि वसूली के नोटिस भेज दिए। जिससे हितग्राही परेशान हैं। इनमें से तीन हितग्राहियों ने लिखित में नपा को आवेदन देकर किश्तों में राशि वापस करने की बात कही है।
जब यह मामला उजागर हुआ तो नपा ने अपना कारनामा छिपाने के लिए हितग्राहियों को ही राशि वसूली के नोटिस भेज दिए। जिससे हितग्राही परेशान हैं। इनमें से तीन हितग्राहियों ने लिखित में नपा को आवेदन देकर किश्तों में राशि वापस करने की बात कही है।
मृत्यु के बावजूद कर दिया सत्यापन
सं बंल योजना के तहत पंजीयन और सत्यापन के बाद ही योजना का लाभ किसी को मिल सकता है। आवेदक की मौत के बाद पंजीयन संभव नहीं है। लेकिन नपा कर्मचारियों ने अपने लाभ और व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए यह भी कर दिया। मृत्यु होने के डेढ़ माह बाद तक पंजीयन कार्य कर फर्जीवाड़ा किया गया। सुनील अहिरवार की मौत 16 अप्रैल 2018 को हुई थी और उनके आवेदन का सत्यापन चार जून को किया गया। इसी प्रकार जगदीश विश्वकर्मा की मौत 21 मई 2018 को हुई और उनके आवेदन का सत्यापन चार जून को हुआ। हीरालाल कुशवाह की मौत 22 मई 2018 को तथा अंगूरीबाई की मौत 25 मई को हुई और इन दोनों के आवेदन का सत्यापन भी चार जून को हुआ। यानि मृत्यु होने के बाद आवेदन का सत्यापन कर अपलोड कर दिया गया।
सं बंल योजना के तहत पंजीयन और सत्यापन के बाद ही योजना का लाभ किसी को मिल सकता है। आवेदक की मौत के बाद पंजीयन संभव नहीं है। लेकिन नपा कर्मचारियों ने अपने लाभ और व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए यह भी कर दिया। मृत्यु होने के डेढ़ माह बाद तक पंजीयन कार्य कर फर्जीवाड़ा किया गया। सुनील अहिरवार की मौत 16 अप्रैल 2018 को हुई थी और उनके आवेदन का सत्यापन चार जून को किया गया। इसी प्रकार जगदीश विश्वकर्मा की मौत 21 मई 2018 को हुई और उनके आवेदन का सत्यापन चार जून को हुआ। हीरालाल कुशवाह की मौत 22 मई 2018 को तथा अंगूरीबाई की मौत 25 मई को हुई और इन दोनों के आवेदन का सत्यापन भी चार जून को हुआ। यानि मृत्यु होने के बाद आवेदन का सत्यापन कर अपलोड कर दिया गया।
एक दैवेभो और एक कम्प्यूटर ऑपरेटर ने बिना शाखा प्रभारी और मुझे बताए बिना ही पोर्टर पर फार्म अपलोड कर दिए थे। दोनों की सेवा समाप्ति के नोटिस दिए गए हैं। जिन्हें राशि दी गई है, उनसे वसूली होगी।
-सतेन्द्र धाकरे, सीएमओ नपा
-सतेन्द्र धाकरे, सीएमओ नपा
जिले में छह लोगों को गलत भुगतान हुआ है। इनमें चार विदिशा नगर पालिका के और दो नटेरन जनपद के हैं। नपा और जनपद से सत्यापन होने के बाद आवेदन आए थे, जिनके चेक बनाकर दिए गए थे।
-सुधीश कमल, जिला श्रम अधिकारी
-सुधीश कमल, जिला श्रम अधिकारी