उम्र को मात दे समय संग दौड़तीं 80 साल की डिजीटल काकी
विदिशाPublished: Mar 07, 2021 11:17:10 pm
महिला दिवस
उम्र को मात दे समय संग दौड़तीं 80 साल की डिजीटल काकी
विदिशा. उम्र भले ही 80 साल की हो, लेकिन दौर डिजीटल का है। युवाओं के हाथों में तो सोशल मीडिया खेल रहा है, लेकिन विदिशा के माधवगंज पर रहने वालीं मीरा देवी सराफ भी किसी से कम नहीं, वे अपने संयमित जीवन और तकनीकी के इस्तेमाल में युवाओं से भी कहीं आगे दिखती हैं। विदेशों और महानगरों में बसे नाती-पोतों और कुनबे के सदस्यों से वे रोजाना वीडियो कॉलिंग पर बात करती हैं। व्हाट्सअप मैसेज से चर्चा करती हैं और पेन ड्राइव और यू-ट्यूब से प्रवचन सुनकर धर्म साधना करती हैं। जबलपुर के शहपुरा गांव में जन्मीं मीरा सराफ यूं तो 5 वीं तक स्कूल में पढ़ी हैं, लेकिन धर्म शास्त्रों में उनका ज्ञान ऐसा है कि कई बार समाज के पंडित भी उनसे अपने प्रवचनों के सही-गलत की पुष्टि करते हैं। उनका विवाह 15 वर्ष की उम्र में विदिशा के प्रेमचंद सराफ के साथ हुआ था, जो काकाजी के नाम से प्रसिद्ध थे। बस काकाजी से विवाह के बाद से मीरादेवी भी काकी कहलाने लगीं। आज काकी का कुनबा खूब फल फूल रहा है और वे दुनियां के अलग-अलग शहरों में बसे अपने इस कुनबे से डिजीटल तरीकों से जुड़कर डिजीटल काकी कहलाती हैं। उनका संयमित और अनुशासित जीवन के साथ ही स्नेह पूरे परिवार को आस्था के साथ ही प्यार से जोड़े हुए है।