रुक जाना नहीं में 9 हजार परीक्षार्थी नहीं दे पा रहेे परीक्षा
परीक्षा आज से शुरू, सिर्फ 3339 परीक्षार्थियों को ही मिल पाया मौका
विदिशा
Published: June 05, 2022 01:37:51 pm
विदिशा। हाई एवं हायर सेकेंड्री परीक्षा में असफल विद्यार्थियों के लिए एक और मौका देने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण योजना है रुक जाना नहीं। इस योजना से विद्यार्थियों को उम्मीद थी कि इस परीक्षा के इस अवसर से वे परीक्षा पास कर अपना एक वर्ष बर्बाद होने से बचा सकेंगे, लेकिन चाहकर भी अधिकांश् परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए हैं और जिले में कुल फैल हुए 12705 परीक्षार्थियों में से सिर्फ 3 हजार 339 परीक्षार्थी ही 4 जून से शुरू हुई इस परीक्षा में शामिल होने का अवसर पा सके और 9 हजार 366 परीक्षार्थी परीक्षा का यह मौका चूक गए हैं।
मालूम हो कि जिले में इस वर्ष हाईस्कूल में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी की संख्या करीब 10 हजार 18 एवं हायर सेकेंड्री स्कूल के करीब 2 हजार 687 परीक्षार्थी परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे। इस तरह कुुल 12 हजार 705 विद्यार्थी फैल हुए हैं। इस परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को ऑन लाइन आवेदन फार्म भरना था, जिसमें 3339 परीक्षार्थी ही यह फार्म भर पाए हैं जबकि अन्य विद्यार्थी यह फार्म नहीं भर पाए जिससे परीक्षा का यह दूसरा मौका उनके हाथ से निकल गया। अब यह परीक्षा 4 जून से जिला मुख्यालय पर शुरू हो चुकी। इसके लिए इसमें कक्षा 12वीं के 1481 एवं 10 वीं के कुल 1858 परीक्षार्थी को ही ऑनलाइन आवेदन करने के कारण परीक्षा का अवसर मिल पाया है। यह परीक्षा विभिन्न तारीखों में 27 जून तक चलेगी।
आर्थिक तंगी ने रोका रुक जाना नहीं का रास्ता
परीक्षा में 9 हजार से अधिक परीक्षार्थियों का परीक्षा से रुक जाने के पीछे आर्थिक संकट मुख्य कारण माना जा रहा है। बताते हैं कि इसमें विषयवार फीस निर्धारित है। इसमें सामान्य वर्ग में कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों को एक विषय की परीक्षा के लिए 605 रुपए, दो विषय के 1210 रुपए, तीन विषय के 1500 रुपए चार विषय के 1760 रुपए पांच विषय के 2010 रुपए एवं छह विषय के 2060 रुपए फीस है तो वहीं हायर सेकेंड्री परीक्षा के लिए एक विषय में 730 रुपए, दो में 1460, तीन विषय में 1710 चार विषय में 1710 एवं पांच विषय में 2210 रुपए जमा करना होता है। संभवत: यही बड़ा कारण रहा कि परीक्षार्थी आनलाइन आवेदन नहीं कर पाए और एक वर्ष बर्बाद होने से नहीं बच पाया। वही दूसरा कारण रुक जाना नहीं की यह परीक्षा सिर्फ जिला मुख्यालय पर होना भी है। इसमें गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को दूरस्थ क्षेत्र से जिला मुख्यालय परीक्षा समय पर आना संभव नहीं हो पाता और उनके लिए परीक्षा का यह दूसरा अच्छा मौका छोड़ देना मजबूरी बन रहा है। इससे इस परीक्षा में कम ही परीक्षार्थी शामिल हो पा रहे हैं।
आज से इन केंद्रों पर शुरू हुई परीक्षा
रुक जाना नहीं की कक्षा 10वीं की यह परीक्षा जिला मुख्यालय पर पांच परीक्षा केंद्र पर शुरू हुई है। इसमें शासकीय एमएलबी, उत्कृष्ट विद्यालय, बरईपुरा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कन्या शेरपुरा शाला वं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माधवगंज क्रमांक-2 को परीक्षा केंद्र बनाया गया। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शासकीय एमएलबी में 88 परीक्षार्थी दर्ज रहे जिनमें 77 उपिस्थत व 11 अनुपिस्थत रहे। इसी तरह उत्कृष्ट विद्यालय में दर्ज 143 उपिस्थत 128 एवं 15 अनुपिस्थत रहे। वहीं बरईपुरा स्कूल में दर्ज परीक्षार्थी की संख्या 92 वें एवं उपिस्थत 83 रहे जबकि 9 अनुपिस्थत रहे। वहीं शासकीय कन्या शेरपुरा में 76 परीक्षार्थी दर्ज, उपिस्थत 70 एवं अनुपिस्थत परीक्षार्थी 6 रहे। इसी तरह माधवगंज क्रमांक-2 स्कूल में कुल दर्ज परीक्षार्थी 96वें, उपिस्थत 86 एवं अनुपिस्थत परीक्षार्थी 10 रहे।
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वर्जन
सरकार की रुक जाना नहीं योजना अच्छी है लेकिन फीस के रूप में धन की कमी इसमें आड़े नहीं आना चाहिए। सरकार को परीक्षा फीस 50 प्रतिशत घटा देना चाहिए। वहीं शिक्षण संस्थाओं को भी चाहिए कि उनके स्कूल जो बच्चे फैल हो गए तो ऐसे बच्चों को रुक जाना नहीं में परीक्षा का अवसर देने के लिए समाज का सहयोग लेना चाहिए ताकि मूल परीक्षा में अनुत्तीर्ण सभी विद्यार्थियों को यह परीक्षा देने का दूसरा मौका मिल सके और उनका वर्ष बर्बाद होने से बचाया जा सके।
-विजय चतुर्वेदी, शिक्षाविद्
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परीक्षा में कम बच्चों के शामिल होने का एक कारण आर्थिक संकट भी लेकिन जहां इस तरह के बच्चे स्कूल प्राचार्य के संपर्क में आते हैं तो उनकी मदद भी की जाती है।
-एके मोदगिल, डीईओ

रुक जाना नहीं में 9 हजार परीक्षार्थी नहीं दे पा रहेे परीक्षा
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