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20 साल बाद बामोरा पंचायत की कमान संभालेगा पिछड़े वर्ग का पुरूष

locationविदिशाPublished: Jan 27, 2020 08:45:56 pm

Submitted by:

Anil kumar soni

पंचायती चुनाव के लिए हुई आरक्षण कि प्रक्रिया

 लटेरी। जनपद पंचायत सभागार में चलती आरक्षण प्रक्रिया।

लटेरी। जनपद पंचायत सभागार में चलती आरक्षण प्रक्रिया।

मंडीबामोरा। पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही क्षेत्र मे चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सागर और विदिशा जिले की सीमा पर बसे मंडीबामोरा की बामोरा पंचायत 20 साल बाद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हुई है। जिससे अब यहां पिछड़े वर्ग के पुरूष को पंचायत की कमान संभालने का मौका मिल गया है।
जानकारी के अनुसार इस बार सरपंच पद के लिए लगभग चार उम्मीदवारों का चुनाव समर में आने का अनुमान लगाया जा रहा है इसके पहले वर्ष 1995 में पिछड़े वर्ग से चुनाव लड़कर बामोरा पंचायत के सरपंच कैलाश सोनी बने थे। इसके बाद 2000 में सामान्य सीट होने पर अजीत कुमार जैन, 2005 में अनुसूचित जाति के आरक्षण पर हरप्रसाद खटीक, 2010 में सामान्य सीट होने पर वीरेन्द्र सिंह रघुवंशी, 2015 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होने पर मुन्नीबाई आदिवासी ने चुनाव लड़कर सरपंच पद हासिल किया था। लेकिन पंचों ने बीच में ही अविश्वास प्रस्ताव रखा तो मुन्नीबाई की सरपंची चली गई थी। वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। इसके बाद नियमानुसार पंचों में से अनुसूचित जनजाति की किसी एक महिला को सरपंच बनना था। लेकिन ऐसी पंच नहीं मिलने पर अनुसूचित जाति की महिला पंच नर्मदीबाई को पंचों ने अपना सरपंच चुना जो लगभग एक वर्ष तक बामोरा पंचायत की प्रभारी सरपंच रहीं।
लटेरी में कुल 61 ग्रापं में 31 पर महिला और 30 पर पुरुषों का हुआ आरक्षण
लटेरी। जनपद पंचायत लटेरी के सभागृह कक्ष में सोमवार को एस डीएम शैलेंद्र सिंह, तहसीलदार अजय शर्मा और जपं सीईओ निर्देशक शर्मा ने शासन के नियमानुसार ग्राम पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण कराई। लटेरी में कुल 61 ग्राम पचंायतों में से 31 पर महिला और 30 पर पुरुषों का आरक्षण हुआ।
इस दौरान महिलाओं के आरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया । आरक्षण प्रक्रिया में संबंधित अधिकारियों के साथ दोनों पार्टियों के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण क्षेत्र के लोग उपस्थित रहे। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे पहले 61 पंचायतों में से चार पर अनुसूचित जनजाति, 15 पर अनुसूचित जाति और शेष बची पंचायत अनारक्षित रहीं। छोटी बच्ची से पर्ची उठवाकर यह प्रक्रिया करवाई गई। किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए प्रशासन ने इस सारी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई। अनुसूचित जाति में कुल 11 पंचायतों का आरक्षण हुआ। जिनमे से छह पर महिला और पांच पर पुरुष रहे। अनुसूचित जनजाति में कुल चार में से दो पर महिला और दो पर पुरुष रहे। अन्य पिछड़ा वर्ग में कुल 15 में से आठ पर महिलाएं और सात पर पुरूष रहे। वहीं अनारक्षित में कुल 31 में से 15 ग्राम पंचायतों में महिला और शेष पुरुषों का आरक्षण सम्पन्न हुआ। कुल 61 ग्राम पंचायतों में 31 पर महिला और 30 पर पुरुषों का आरक्षण हुआ।

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