चार साल के एक बच्चे की मौत ने परिवार समेत कॉलोनी के माहौल को गमगीन कर दिया। बच्चे की मां बार-बार बेटे को पुकारती रही, बिलखती रही और जब बच्चे का शव देखा तो चीख पड़ी। मेरे बेटे मफ करना और बेसुध होकर फर्श पर गिर पड़ी। इससे वहां मौजूद लोगों की आंखें छलक आईं।
यह दुखत हादसा अरिहंत विहार निवासी एसएटीआई पॉलीटेक्निक में लेक्चरर महेंद्र मोरे के यहां हुआ। उनके घर में पानी स्टोर के लिए करीब पांच फीट चौड़ी और 8 फीट गहरी टंकी बनी थी। परिजनों के मुताबिक टंकी हमेशा ढांककर रखी जाती है।
रविवार को इसमें से पानी निकालते समय कुछ पल के लिए ही टंकी खुली थी कि छोटा पुत्र अनंत उसमें गिर गया और किसी को अहसास तक नहीं हुआ। बच्चा घर में न दिखने पर उसे आसपास देखा और कहीं नजर नहीं आने पर करीब 40 मिनट बाद टंकी में उसे तलाशा तो उनका बेटा टंकी में मिला। उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोित कर दिया। शव को घर ले जाया गया, जहां सूचना पर परिजन, समाज के लोग पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
10 दिन बाद ही था जन्म दिन
पिता महेंद्र मोरे ने बताया कि दो बेटों में यह छोटा पुत्र था। 10 जुलाई को वह पूरे चार वर्ष का हो जाता। सोमवार से उसे स्कूल भी जाना था। वे बीती रात परिवार के साथ ही उज्जैन से लौटे थे। सुबह टंकी से बाल्टी में पानी निकाला और घर के अंतर बाल्टी रखकर लौटा था। सिर्फ कुछ ही सेकंड के लिए ढक्कन खुला था। हम बाहर देखते रहे और अनंत टंकी में मिला। अपने लाड़ने को इस तरह खोता देख वे बिलख रहे थे। वहीं मां और अन्य परिजन का भी बुरा हाल था, जिन्हें समाज एवं आसपास के लोग ढांढस बंधाते रहे।