scriptनंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल से गुंजायमान हुआ पांडाल | Anand Pandas of Nand, a Pandal echoed with Jai Kanhaiya Lal | Patrika News

नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल से गुंजायमान हुआ पांडाल

locationविदिशाPublished: Jan 16, 2020 10:14:11 am

Submitted by:

Anil kumar soni

श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब…

मंडीबामोरा। भगवान के कृष्ण के जन्मोत्सव पर इस तरह सजाया कथा स्थल।

मंडीबामोरा। भगवान के कृष्ण के जन्मोत्सव पर इस तरह सजाया कथा स्थल।

मंडीबामोरा। चंद्रमहल थियेटर ग्राउंड में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान पांडाल में चारों तरफ नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के स्वर गुंजाएगामन हो रहे थे।
परिसर को बड़े ही आकर्षक तरीके से सजाया गया था। एक पालने में भगवान कृष्ण को झूला झुलाने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही थी। श्रद्धालु भजनों की धुनों पर नाचते-गाते नजर आ रहे थे।
मंडीबामोरा। बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालु।
IMAGE CREDIT: Mandibamora Ajent
कथा वाचक मंदाकनी देवी ने कहा कि जन्म और अवतार में बहुत बड़ा भेद है क्योंकि जन्म हम मानव का होता है। लेकिन प्रभु का अवतार होता है। जैसे कोई एक व्यक्ति कुएं में गिर जाए और दूसरा उसे बचाने के लिए नीचे उतरे, तो यह नहीं कहा जाता कि दूसरा व्यक्ति कुएं में गिर गया है।
बल्कि यह कहा जाता है कि वह उसे बचाने के लिए नीचे उतरा है। वैसे ही प्रभु हम मानवों को बचाने के लिए किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। उनका कभी जन्म नहीं होता बल्कि अवतार होता है। वहीं उन्होंने कहा कि देश में बुजुर्गों व महिलाओ का जिस तरह से अपमान और अनादर हो रहा है। वह बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। हम सबको बुजूर्गो व महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।
इधर, लटेरी में श्रीराम कथा के लिए तैयार हो रही यज्ञशाला
वहीं लटेरी के तपोवन भूमि तालाब पर 18 जनवरी से नौ दिवसीय श्रीराम कथा शुरु होने वाली है। जिसके चलते कथा परिसर में यज्ञशाला बनने और पांडाल लगने का काम शुरु हो गया है।
श्रीराम मानस मंडल लटेरी इस श्रीराम कथा का आयोजन करवाया जा रहा है। कथा वाचक पंडित कपिल कुमार शर्मा श्रीराम कथा सुनाएंगे। यहां एक मंदिर भी बनवाया गया है, जहां कथा के अंतिम दिन भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा विधी-विधान से मंत्रोच्चारण के बीच होगी।
इस कथा को लेकर क्षेत्र में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी इस आयोजन के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं। सुबह से यहां बन रही यज्ञशाला में सहयोग के लिए आ जाते हैं। वहीं इस आयोजन का प्रचार-प्रसार भी शहर से लेकर गांव-गांव में किया जा रहा है। आयोजक आयोजन को सफल बनाने के लिए पुरजोर मेहनत कर रहे हैं और सभी इसमें सहयोग भी कर रहे हैं।

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