रात 12 बजे से पहुंचने लगे थे अभ्यर्थी
रात तीन बजे से आर्मी भर्ती प्रक्रिया शुरू होना थी, जिसमें शामिल होने के लिए विदिशा सहित विभिन्न जिलों से अभ्यर्थी मंगलवार की सुबह से ही बस और ट्रेन से शहर में आना शुरू हो गए थे और होटल, लॉज आदि में रुके। रात के 12 बजते ही एसएटीआई कॉलेज के सामने हाईवे पर अभ्यर्थियों का पहुंचना शुरू हो गया था। रात को कड़ाके की सर्दी के बावजूद जैसे-जैसे समय बढ़ता गया अभ्यर्थियों का जमावड़ा यहां लगने लगा। रात एक बजे अभ्यर्थियों की खासी भीड़ कॉलेज के मुख्य द्वार के बाहर लग गई थी। व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में यहां पुलिस बल भी मौजूद रहा। रात तीन बज से शुरू होने वाली भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए अभ्यर्थियों को कॉलेज परिसर मेें प्रवेश देने के लिए रात दो बजे ही गेट खोल दिए गए थे। इसके बाद प्री मार्शिलिंग सहित लम्बाई की जांच उपरांत दस्तावेजों की जांच, दौड़, यूनिक नम्बर मिलना, लम्बी कूद, नौ फीट गड्ढा पार करने सहित मेडिकल जांच आदि बाधाएं पार करना पड़ीं। तब कहीं जाकर अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ और उन्हें फरवरी और अप्रैल माह में होने वाली लिखित परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड दिए गए।
रात तीन बजे से आर्मी भर्ती प्रक्रिया शुरू होना थी, जिसमें शामिल होने के लिए विदिशा सहित विभिन्न जिलों से अभ्यर्थी मंगलवार की सुबह से ही बस और ट्रेन से शहर में आना शुरू हो गए थे और होटल, लॉज आदि में रुके। रात के 12 बजते ही एसएटीआई कॉलेज के सामने हाईवे पर अभ्यर्थियों का पहुंचना शुरू हो गया था। रात को कड़ाके की सर्दी के बावजूद जैसे-जैसे समय बढ़ता गया अभ्यर्थियों का जमावड़ा यहां लगने लगा। रात एक बजे अभ्यर्थियों की खासी भीड़ कॉलेज के मुख्य द्वार के बाहर लग गई थी। व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में यहां पुलिस बल भी मौजूद रहा। रात तीन बज से शुरू होने वाली भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए अभ्यर्थियों को कॉलेज परिसर मेें प्रवेश देने के लिए रात दो बजे ही गेट खोल दिए गए थे। इसके बाद प्री मार्शिलिंग सहित लम्बाई की जांच उपरांत दस्तावेजों की जांच, दौड़, यूनिक नम्बर मिलना, लम्बी कूद, नौ फीट गड्ढा पार करने सहित मेडिकल जांच आदि बाधाएं पार करना पड़ीं। तब कहीं जाकर अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ और उन्हें फरवरी और अप्रैल माह में होने वाली लिखित परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड दिए गए।
इंटरनेट नहीं चलने से हुई परेशानी
प्रशासन द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया में इंटरनेट के पुख्ता इंतजाम नहीं करने के कारण अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के ऑनलाइन वेरीफिकेशन और आधार से लिंक करने सहित अन्य कार्यों के दौरान इंटरनेट नहीं चलने के कारण अभ्यर्थियों के साथ ही भर्ती प्रक्रिया में लगे आर्मी अधिकारी-कर्मचारी भी परेशान हुए और करीब दो घंटे की परेशानी के बाद नेट जैसे-तैसे चालू हुआ। इसके बाद ऑनलाइन वाला काम शुरू हुआ। जिससे भर्ती प्रक्रिया के अन्य चरणों तक पहुंचने में अभ्यर्थियों को देरी हुई।
प्रशासन द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया में इंटरनेट के पुख्ता इंतजाम नहीं करने के कारण अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के ऑनलाइन वेरीफिकेशन और आधार से लिंक करने सहित अन्य कार्यों के दौरान इंटरनेट नहीं चलने के कारण अभ्यर्थियों के साथ ही भर्ती प्रक्रिया में लगे आर्मी अधिकारी-कर्मचारी भी परेशान हुए और करीब दो घंटे की परेशानी के बाद नेट जैसे-तैसे चालू हुआ। इसके बाद ऑनलाइन वाला काम शुरू हुआ। जिससे भर्ती प्रक्रिया के अन्य चरणों तक पहुंचने में अभ्यर्थियों को देरी हुई।
भर्ती के लिए एक दिन पूर्व आए अभ्यर्थी
आज गुरुवार को आर्मी के विभिन्न पदों पर विदिशा और बैतूल जिले के अभ्यर्थियों की भर्ती होना है, जिसमें शामिल होने के लिए दोनों जिलों के 4 हजार 725 अभ्यर्थियों को शामिल होना है। इस भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी बुधवार को दिन में ही एसएटीआई कैंपस में आना शुरू हो गए थे।
आज गुरुवार को आर्मी के विभिन्न पदों पर विदिशा और बैतूल जिले के अभ्यर्थियों की भर्ती होना है, जिसमें शामिल होने के लिए दोनों जिलों के 4 हजार 725 अभ्यर्थियों को शामिल होना है। इस भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी बुधवार को दिन में ही एसएटीआई कैंपस में आना शुरू हो गए थे।
आरपीएफ ने किए विशेष इंतजाम
आर्मी भर्ती के दौरान विभिन्न ट्रेनों से प्रतिदिन हजारों अभ्यर्थियों का आना शुरू हो गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के साथ ही अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने और इन अभ्यर्थियों के कारण आम यात्री परेशान नहीं हो इसके इंतजाम किए गए हैं। आरपीएफ के टीआई मनीष पांडे ने बताया कि एसआई, हवलदार से लेकर आरक्षक पद के 15 जवानों का स्टॉफ उनके पास था और इतना ही स्टॉफ बाहर से बुलवाया गया है। इस प्रकार कुल 30 आरपीएफ जवान विदिशा रेलवे स्टेशन पर तैनात हैं। जो बाहर से आने वाले अभ्यर्थियों को एसएटीआई तक जाने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वहीं वापस जाने वालों के लिए ट्रेनों की जानकारी देने के साथ ही अन्य प्रकार से मदद कर रहे हैं। वहीं अभ्यर्थियों के कारण ट्रेन के अन्य यात्री परेशान नहीं हों इसके लिए ट्रेनों में भी जाकर जांच की जा रही है।
आर्मी भर्ती के दौरान विभिन्न ट्रेनों से प्रतिदिन हजारों अभ्यर्थियों का आना शुरू हो गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के साथ ही अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने और इन अभ्यर्थियों के कारण आम यात्री परेशान नहीं हो इसके इंतजाम किए गए हैं। आरपीएफ के टीआई मनीष पांडे ने बताया कि एसआई, हवलदार से लेकर आरक्षक पद के 15 जवानों का स्टॉफ उनके पास था और इतना ही स्टॉफ बाहर से बुलवाया गया है। इस प्रकार कुल 30 आरपीएफ जवान विदिशा रेलवे स्टेशन पर तैनात हैं। जो बाहर से आने वाले अभ्यर्थियों को एसएटीआई तक जाने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वहीं वापस जाने वालों के लिए ट्रेनों की जानकारी देने के साथ ही अन्य प्रकार से मदद कर रहे हैं। वहीं अभ्यर्थियों के कारण ट्रेन के अन्य यात्री परेशान नहीं हों इसके लिए ट्रेनों में भी जाकर जांच की जा रही है।
दौड़ तक 571 अभ्यर्थी हुए अनफिट
इ स भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कुछ अभ्यर्थी प्रवेश के पहले चरण यानि लम्बाई कम होने के कारण ही बाहर हो गए। इसके बाद जैसे-जैसे दूसरे-तीसरे और अन्य चरणों तक अभ्यर्थी पहुंचते गए अभ्यर्थियों की संख्या कम होती गई। सबसे ज्यादा अनफिट अभ्यर्थी दौड़ में रहे। क्योंकि 1600 मीटर की दौड़ साढ़े पांच मिनट से लेकर पौने छह मिनट में पूर्ण करना थी, जो अधिकांश अभ्यर्थी पूर्ण नहीं कर पाए और दौड़ का चरण पार होने तक 571 अभ्यर्थी अनफिट होने के कारण भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए और कुल 112 अभ्यर्थी समय पर दौड़ पूरी कर पाने के कारण आगे के चरणों में पहुंचे।
इ स भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कुछ अभ्यर्थी प्रवेश के पहले चरण यानि लम्बाई कम होने के कारण ही बाहर हो गए। इसके बाद जैसे-जैसे दूसरे-तीसरे और अन्य चरणों तक अभ्यर्थी पहुंचते गए अभ्यर्थियों की संख्या कम होती गई। सबसे ज्यादा अनफिट अभ्यर्थी दौड़ में रहे। क्योंकि 1600 मीटर की दौड़ साढ़े पांच मिनट से लेकर पौने छह मिनट में पूर्ण करना थी, जो अधिकांश अभ्यर्थी पूर्ण नहीं कर पाए और दौड़ का चरण पार होने तक 571 अभ्यर्थी अनफिट होने के कारण भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए और कुल 112 अभ्यर्थी समय पर दौड़ पूरी कर पाने के कारण आगे के चरणों में पहुंचे।