आजम खां अपने पुत्र के साथ चौ. सलीम के अंतिम संस्कार में शामिल होने विदिशा आए थे। उन्होंने सलीम के चेहरे को थपथपाया और फिर सलीम के जनाजे को अपने कंधे पर उठाया। बाद में वे नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के गले लगाकर रोए। इस मौके पर लोसपा नेता रघु ठाकुर, सपा नेता गौरी यादव, डॉ सुनील, पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा, शायर मंजर भोपाली सहित हजारों लोग मौजूद थे।
सलीम को विदाई देते फफक पड़े आजम
पूर्व राज्यसभा सदस्य चौ. मुनव्वर सलीम को आखरी विदाई देते हुए हजारों लोगों के साथ ही उप्र के पूर्व मंत्री आजम खां भी फफक कर रो पड़े। अपने विधायक पुत्र के साथ आए आजम खां ने सलीम के चेहरे को अपने हाथ से थपथपाया और फिर सबसे पहले खुद ही जनाजा उठाकर चल पड़े।
गौरतलब है कि चौ. सलीम की हालत अपने ही घर में रविवार को बिगड़ गई थी, जिस पर उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। उनके इंतकाल की खबर से पूरे शहर में शोक छा गया और लोग उनके घर पर एकत्रित होने लगे।
सोमवार की दोपहर 1.30 बजे पूर्व मंत्री आजम खां के आने पर उनका जनाजा उठाया गया। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में स्थानीय नेता और सभी वर्गों के लोग शामिल हुए। झूलनपीर पर मौलवी रकीब साहब ने जनाजे की नमाज अदा कराई और फिर वाटरवक्र्स के पास उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। दिन भर लोग अलग-अलग जगहों पर सलीम के राजनैतिक सफर और उनके भाषणों का जिक्र करते रहे।