प्रशासन की ओर से स्कूली बच्चों को मनोहर टॉकीज में ‘सॉरी डैडी’ दिखाने के लिए पालकों द्वारा लाया गया, लेकिन जब वे टॉकीज पहुंचे तो बच्चों का सामना टॉकी के मेन पोस्टर से हुआ, जिसमें अश्लील चित्रों के साथ एडल्ट फिल्म का जिक्र था।
खबर मिलते ही बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन के लोग भी पहुंच गए। पंचनामा बनाया गया। कुछ अश्लील पोस्टर उतरवा लिए गए और कुछ फाड़ दिए।
जिला शिक्षाधिकारी एचएन नेमा ने स्कूली बच्चों को सॉरी डैडी बाल फिल्म दिखाने के लिए स्कूल संचालकों और प्राचार्यों को पत्र जारी किया था।
शुक्रवार को फिल्म का शो मनोहर टॉकीज में सुबह ९ बजे से होना था। बच्चे थोड़ी देर से पहुंचे तो शो करीब १० बजे से शुरू हो सका। इस दौरान करीब ३५० बच्चे फिल्म देखने पहुंचे, लेकिन टॉकीज में टंगा मुख्य पोस्टर बच्चों, उन्हें छोडऩे आए पालकों और शिक्षकों के लिए आपत्तिजनक था। टॉकीज में बाल फिल्म का कोई पोस्टर नहीं था, जबकि जो पोस्टर लगा था वह एक एडल्ट फिल्म का होकर अश्लील था।
इस पर कुछ पालकों और शिक्षकों ने आपत्ति जताई। लेकिन टॉकीज के मैनेजर ने पोस्टर उतारने से इंकार कर दिया। इस पर किसी ने बाल कल्याण समिति को फोन लगा दिया। वहां से अध्यक्ष संजीव जैन, चाइल्ड लाइन के समन्वयक अनिल धाकड़ तथा बृजेश शर्मा भी आ पहुंचे।
यहां समिति अध्यक्ष और टॉकीज मैनेजर की बहस हुई। बाद में समिति ने पंचनामा बनवाया, जिसमें अश्लील पोस्टरों का विशेष रूप से जिक्र किया गया। बाद में मैनेजर ने मुख्य पोस्टर उतरवा लिया और नीचे लगे पोस्टर खुद ही फाड़ दिए।