सुबह 10.30 बजे सिविल लाइन थाने में कांग्रेस प्रत्याशी शशांकभार्गव अपने साथी मनोज कपूर, रणधीर सिंह, आनंद प्रताप सिंह, महेन्द्र यादव, आशीष भदौरिया आदि के साथ पहुंचे और मुकेश टंडन द्वारा जानकारी छिपाने और गलत जानकारी रिटर्रिंग अधिकारी को देने संबंधी शिकायती पत्र देते हुए कार्रवाईकी मांग की। यहां से वे रिटर्निंंग ऑफीसर सीपी गोहल के पास गए और अपनी आपत्ति दर्जकराई। गोहल ने नामांकन पत्रों की जांच के दौरान आई इस आपत्ति पर टंडन से उनका पक्ष मांगा। टंडन की ओर से बाबूलाल ताम्रकार, संतोष वर्मा, नथनसिंह राजपूत आदि ने पूरी जानकारी जुटाई। फिर भार्गव को टंडन के जवाब से अवगत कराया गया। इस पूरी प्रक्रिया में 3 बज गए। 3 बजे गोहल ने अपना फैसला सुनाया। इस दौरान भार्गव तो चले गए, लेकिन टंडन पूरे समय कलेक्ट्रेट परिसर में ही मौजूद रहे।
क्या कहा था भार्गव ने…
हमारा प्रथम नागरिक चोर है। सुना है एक चोर को बचाने के लिए प्रधानमंत्री खुद आ रहे हैं। टंडन ने जो जानकारी छिपाई है, उससे धोखाधड़ी का प्रकरण बनता है। टंडन ने विदिशा की आसपास की जमीन दबाव में अपने और अपने मित्रों के नाम करा ली है। यह बहुत बड़े भू माफिया हैं। तमाम प्रापर्टियों पर जो उनके मामले हैं वो सब मेरे पास मौजूद हैं।
हमारा प्रथम नागरिक चोर है। सुना है एक चोर को बचाने के लिए प्रधानमंत्री खुद आ रहे हैं। टंडन ने जो जानकारी छिपाई है, उससे धोखाधड़ी का प्रकरण बनता है। टंडन ने विदिशा की आसपास की जमीन दबाव में अपने और अपने मित्रों के नाम करा ली है। यह बहुत बड़े भू माफिया हैं। तमाम प्रापर्टियों पर जो उनके मामले हैं वो सब मेरे पास मौजूद हैं।
रिटर्रिंग अधिकारी का फैसला…
रिटर्निंंग अधिकारी चंद्रप्रताप गोहल ने अपने फैसले में कहा कि भाजपा उम्मीदवार मुकेश टंडन पर शशांक भार्गव की ओर से आपत्ति की गई थी। तथ्यों को छिपाने की आपत्तिथी। इस पर टंडन ने अपना जवाब पेश किया। दोनों पक्षों को सुना गया, आपत्तिकर्ता ने से अपराध बताया और फार्म रिजेक्ट करने का अनुरोध किया। लेकिन नियमानुसार यह रिटर्निंग अधिकारी की शक्तियों में शामिल नहीं है कि वह सत्यता/असत्यता की जांच करे। वैध रीति और प्रारुप अनुसार नामांकन जमा जाना आवश्यक है, जो टंडन ने किया है। आपत्तिकर्ता शशांक भार्गव के साथ ही ऐसी आपत्ति मोकमसिंह पंथी द्वारा भी लगाई गई। दोनंो ही मामलों में यह फैसला दिया जाता है कि आपत्तिकर्ताओं की आपत्ति सारहीन होने से निरस्त की जाती है।
रिटर्निंंग अधिकारी चंद्रप्रताप गोहल ने अपने फैसले में कहा कि भाजपा उम्मीदवार मुकेश टंडन पर शशांक भार्गव की ओर से आपत्ति की गई थी। तथ्यों को छिपाने की आपत्तिथी। इस पर टंडन ने अपना जवाब पेश किया। दोनों पक्षों को सुना गया, आपत्तिकर्ता ने से अपराध बताया और फार्म रिजेक्ट करने का अनुरोध किया। लेकिन नियमानुसार यह रिटर्निंग अधिकारी की शक्तियों में शामिल नहीं है कि वह सत्यता/असत्यता की जांच करे। वैध रीति और प्रारुप अनुसार नामांकन जमा जाना आवश्यक है, जो टंडन ने किया है। आपत्तिकर्ता शशांक भार्गव के साथ ही ऐसी आपत्ति मोकमसिंह पंथी द्वारा भी लगाई गई। दोनंो ही मामलों में यह फैसला दिया जाता है कि आपत्तिकर्ताओं की आपत्ति सारहीन होने से निरस्त की जाती है।
मुझे चोर कहना भार्गव की हताशा का प्रतीक-टंडन
रिटर्निंग ऑफीसर के फैसले के बाद भाजपा प्रत्याशी मुकेशटंडन ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि शशांक भार्गव खुद आपत्ति लेकर आए थे। उनका कहना था कि मैंने अपने एकाउंट की जानकारी छिपाई है। दरअसल भार्गव और उनके सलाहकारों ने मेरा शपथपत्र पढ़ा ही नहीं। मैंने हर चीज की जानकारी उसमें दी है। उन्होंने मुझ पर एफआइआर का आवेदन दिया, मुझे चोर और भू माफिया कहा, यह उनकी हताशा का प्रतीक है। भार्गव ने एक कमजोर व्यक्ति के लिए जिस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल किया है, उससे मैं बहुत दुखी हूं। मैं नगर का प्रथम नागरिक हूं, इस तरह की शब्दावली उनके व्यक्तित्व के अनुरूप नहीं। मेरे खिलाफ लगाई आपत्ति भी रिटर्निंग ऑफीसर ने आधारहीन बताकर निरस्त कर दी है।
रिटर्निंग ऑफीसर के फैसले के बाद भाजपा प्रत्याशी मुकेशटंडन ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि शशांक भार्गव खुद आपत्ति लेकर आए थे। उनका कहना था कि मैंने अपने एकाउंट की जानकारी छिपाई है। दरअसल भार्गव और उनके सलाहकारों ने मेरा शपथपत्र पढ़ा ही नहीं। मैंने हर चीज की जानकारी उसमें दी है। उन्होंने मुझ पर एफआइआर का आवेदन दिया, मुझे चोर और भू माफिया कहा, यह उनकी हताशा का प्रतीक है। भार्गव ने एक कमजोर व्यक्ति के लिए जिस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल किया है, उससे मैं बहुत दुखी हूं। मैं नगर का प्रथम नागरिक हूं, इस तरह की शब्दावली उनके व्यक्तित्व के अनुरूप नहीं। मेरे खिलाफ लगाई आपत्ति भी रिटर्निंग ऑफीसर ने आधारहीन बताकर निरस्त कर दी है।
हम प्रकरण दर्ज कराएंगे-वर्मा
रिटर्निंग ऑफीसर के समक्ष मुकेश टंडन का पक्ष रखने के लिए आए एड. संतोष वर्मा का कहना था कि शपथपत्र पर सुनवाई का अधिकार रिटर्निंग ऑफीसर को नहीं है। वहीं भाजपा उम्मीदवार के लिए जिस तरह की अभद्र शब्दावली का इस्तेमाल किया है, उसके विरोध में हम थाने में प्रकरण दर्ज कराएंगे।
रिटर्निंग ऑफीसर के समक्ष मुकेश टंडन का पक्ष रखने के लिए आए एड. संतोष वर्मा का कहना था कि शपथपत्र पर सुनवाई का अधिकार रिटर्निंग ऑफीसर को नहीं है। वहीं भाजपा उम्मीदवार के लिए जिस तरह की अभद्र शब्दावली का इस्तेमाल किया है, उसके विरोध में हम थाने में प्रकरण दर्ज कराएंगे।