विदिशा से अपनी राजनैतिक पारी शुरू करते हुए कार्तिकेय ने कहा कि वंदे मातरम जोर से कहें, क्योंकि यही उद्घोष भाजपा को कांग्रेस से अलग करता है। मुझे प्रसन्नता है कि आज मुझे यहां सीएम के पुत्र नहीं बल्कि भाजयुमो के संभाग प्रभारी के रूप में पुकारा गया है। वे बोले कि अगर कार्तिकेय चौहान राजनीति में आ रहा है तो अपने पिता के बल पर नहीं, बल्कि अपने दम पर आ रहा हूं। मेरी पहचान मेरे संघर्ष से बनेगी। पिता मेरे सबसे बड़े गुरु हैं। कार्तिकेय ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह के बारे में कहा कि जैसे भगवान कृष्ण के दो मांथीं, एक जन्म देने वाली तो दूसरी पालने वाली। इसी तरह मेरे पिता की भी दो मां हैं, जन्म देने वाली बुधनी और राजनैतिक जीवन को पालने पोषने वाली विदिशा। अब मैं आपसे रिश्ता बनाने आया हूं। पार्टी और लोगों के बीच अपनी पहचान बनाऊंगा।
वे बोले कि मुझे समय से बड़ा डर लगता है। 13 साल से समय बड़ा अच्छा था, समय अगर खुशी देता है तो दुख भी देता है। समय बदलते ज्यादा देर नहीं लगती। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के बारे में कहा कि उन्होंने जनता से वादे तो खूब किए हैं, लेकिन यह तमाशा सिर्फ लोकसभा चुनाव तक है। कार्तिकेय ने कहा कि मप्र में मामा का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। मामा की ताकत बनें। बैठक को भाजपा जिला महामंत्री उपेन्द्र धाकड़ और भाजयुमो जिलाध्यक्ष बलबीर सिंह रघुवंशी ने भी संबोधित किया।