पिता रामचंद्र केवट सहित परिजनों ने यहां जिला अस्पताल में बताया कि उसका बड़ा पुत्र करीब 25 वर्षीय विजय केवट एवं दूसरा छोटा पुत्र गुलाब काफी समय से इंदौर में थे। विजय वहां प्लंबर का कार्य करता था। समय-समय पर घर की मदद के लिए पैसा भी भेजता था। परिवार को उसका बड़ा सहारा था। दोनों बेटे दो दिन पूर्व इंदौर से बाइक से घर चित्रकूट आने के लिए चले थे, लेकिन उसके जीवन का सहारा रास्ते में ही छिन गया। पिता इस मौत से जहां सदमे था वहीं मां अपने बेटे की मौत पर बिलख रही थी। परिजनों ने बताया कि दोनों भाई 17 मई को इंदौर से बाइक से निकले थे और देर रात यह हादसा हुआ। पुलिस से सूचना मिलने पर वे यहां आए। उनके आने के बाद दूसरे दिन जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम हुआ।
शव ले जाने लेना पड़ा कर्जा
परिजनों ने बताया कि वे मजदूर परिवार से हैं। उत्तरप्रदेश चित्रकूट से यहां आने के लिए 11 हजार रुपए किराया देना पड़ा और अब यहां से शव ले जाने के लिए भी करीब 10 हजार रुपए खर्च करना पड़ रहा। उन्हें इस व्यवस्था के लिए कर्ज लेना पड़ा है। घायल बेटे को भी वे यहां अकेला नहीं छोड़ सकते थे, इसलिए उसे भी वे साथ लेकर यहां से रवाना हुए।
परिजनों ने बताया कि वे मजदूर परिवार से हैं। उत्तरप्रदेश चित्रकूट से यहां आने के लिए 11 हजार रुपए किराया देना पड़ा और अब यहां से शव ले जाने के लिए भी करीब 10 हजार रुपए खर्च करना पड़ रहा। उन्हें इस व्यवस्था के लिए कर्ज लेना पड़ा है। घायल बेटे को भी वे यहां अकेला नहीं छोड़ सकते थे, इसलिए उसे भी वे साथ लेकर यहां से रवाना हुए।
सड़क पर लापरवाही से खड़ा था ट्रक, जिससे बाइक टकराई
इधर सिविल लाइन पुलिस के मुताबिक सड़क पर लापरवाही पूर्वक ट्रक खड़ा था। ट्रक के इंडीकेटर भी नहीं जल रहे थे। इस कारण यह बाइक देर रात खड़े ट्रक से टकराई। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हुआ। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को परिजनों को सौंपा है। मामले में जांच की जा रही है।
इधर सिविल लाइन पुलिस के मुताबिक सड़क पर लापरवाही पूर्वक ट्रक खड़ा था। ट्रक के इंडीकेटर भी नहीं जल रहे थे। इस कारण यह बाइक देर रात खड़े ट्रक से टकराई। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हुआ। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को परिजनों को सौंपा है। मामले में जांच की जा रही है।
इधर, प्रवासी मजदूरों की मदद कर रही बाइपास पर बनाई हेल्प डेस्क
विदिशा. बाईपास पर प्रतिदिन पैदल या अन्य साधनों से अपने घरों की ओर जाने वाले प्रवासी मजदूरों को किसी भी किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया करवाने के लिए नेशनल हाइवे के चेकपोस्ट पर जिला विधिक सहायता केंद्र द्वारा हेल्पडेस्क शुरु की गई है। जिसका शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधीकरण के सचिव डीपीएस गौर द्वारा किया गया। न्यायाधीश गौर ने बताया कि इस हेल्पडेस्क के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की मदद और उन्हें कानूनन सुविधाओं की जानकारी देने तथा यदि कोई प्रवासी मजदूर ठगी का शिकार हो गया है, तो कानून के दायरे में नियमानुसार मदद अविलम्ब कराई जाएगी। न्यायाधीश गौर ने बताया कि पांच दिवसीय हेल्प डेस्क में पैरालीगल वालिन्टियर्स के माध्यम से सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। प्रवासी मजदूरों को राष्ट्रीय नि:शुल्क हेल्पलाइन नम्बर 15100 की जानकारी दी जा रही है। यदि मजदूरों को राशन, मेडीकल आदि की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो राष्ट्रीय हेल्प लाइन नम्बर के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते है। इस दौरान नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन भी मौजूद रहे।
विदिशा. बाईपास पर प्रतिदिन पैदल या अन्य साधनों से अपने घरों की ओर जाने वाले प्रवासी मजदूरों को किसी भी किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया करवाने के लिए नेशनल हाइवे के चेकपोस्ट पर जिला विधिक सहायता केंद्र द्वारा हेल्पडेस्क शुरु की गई है। जिसका शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधीकरण के सचिव डीपीएस गौर द्वारा किया गया। न्यायाधीश गौर ने बताया कि इस हेल्पडेस्क के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की मदद और उन्हें कानूनन सुविधाओं की जानकारी देने तथा यदि कोई प्रवासी मजदूर ठगी का शिकार हो गया है, तो कानून के दायरे में नियमानुसार मदद अविलम्ब कराई जाएगी। न्यायाधीश गौर ने बताया कि पांच दिवसीय हेल्प डेस्क में पैरालीगल वालिन्टियर्स के माध्यम से सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। प्रवासी मजदूरों को राष्ट्रीय नि:शुल्क हेल्पलाइन नम्बर 15100 की जानकारी दी जा रही है। यदि मजदूरों को राशन, मेडीकल आदि की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो राष्ट्रीय हेल्प लाइन नम्बर के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते है। इस दौरान नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन भी मौजूद रहे।