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बजट की कमी ने रोकी जिला अस्पताल निर्माण की रफ्तार

locationविदिशाPublished: Nov 10, 2018 11:38:36 pm

Submitted by:

Krishna singh

रुकी हुई है आठ करोड़ की राशि, मरीजों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं

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Hospital

विदिशा. शासकीय स्टेडियम के समीप बन रहे नए जिला अस्पताल भवन के निर्माण की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इसके पीछे पैसों की कमी मुख्य कारण मानी जा रही है। करीब आठ करोड़ की राशि निर्माण कार्य की रुकी हुई और यह राशि न मिल पाने से निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है।
मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज के साथ ही 350 बिस्तरीय जिला अस्पताल के नए भवन का कार्य 2015 में शुरू हुआ था। इस कार्य को अक्टूबर 17 में पूर्ण हो जाना था, लेकिन निर्माण कार्य में बार-बार बदलाव होने से भी कार्य प्रभावित हुआ और अब राशि की कमी के कारण इसका निर्माण कार्य पिछले दो माह से काफी धीमी गति से चल रहा है। इससे जिला अस्पताल तैयार होने में अभी और वक्त लग सकता है।
अभी यह है भवन की स्थिति
शनिवार को इस भवन परिसर में सन्नाटा पसरा मिला। निर्माण कार्य में लगी मशीनें रुकी हुई थी और मजदूरों की चहल पहल भी नहीं थी। यहां मिले कुछ कर्मचारियों ने बताया कि अभी मजदूर दीवाली मनाने गए हैं। दो-तीन दिनों में कार्य शुरू हो जाएगा। भवन परिसर में सीवेज लाइन का कार्य रुका है। परिसर में पेबर ब्लाक लगना शेष है। बिजली फिटिंग के बायर जगह-जगह लटके हैं। फिनीसिंग आदि कई कार्यहोना है और भवन तैयार होने में करीब तीन माह का समय और लगना बताया गया।
अस्पताल शिफ्ट होने में लगेंगे चार माह
जिस गति से नए अस्पताल का भवन का कार्य चल रहा उस आधार पर मरीजों को नए अस्पताल भवन के लिए अभी चार माह का इंतजार और करना पड़ सकता है। निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जनवरी माह में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन के अनुसार भवन मिलने के बाद जिला अस्पताल को शिफ्ट करने में करीब दो माह का समय लगेगा।
बढ़ गई कार्य की लागत
निर्माण कार्यमें अधिक समय लगने व कार्यों में बदलाव से इस भवन की लागत भी बढ़ गई है। मिली जानकारी के अनुसार यह यह चार मंजिला अस्पताल भवन 104 करोड़ की लागत का था जो बढ़कर 134 करोड़, 12 लाख रुपए हो गई है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार भवन में आधुनिक सुविधाएं होंगी। ऑपरेशन थियेटर, ट्रामा सेंटर, मिनी ओटी, रेंप, लिफ्ट, मरीजों के लिए विभिन्न वार्ड आदि सभी बेहतर सुविधाएं मरीजों को मिल सकेगी।
पुराने भवन की परेशानी
वहीं जिला अस्पताल के पुराने भवन में मरीजों के साथ ही अस्पताल स्टॉफ भी परेशान रहता हैं। 300 पलंग पर करीब 500 मरीज भर्ती रहते हैं। कक्ष कम पडऩे एवं व्यवस्थाओं की कमी से डॉक्टर भी ठीक से नहीं बैठ पाते। दवा वितरण खिड़की में कई बार मरीजों की इतनी अधिक भीड़ हो जाती है कि अस्पताल का प्रवेश द्वार बंद हो जाता है। डॉक्टर कक्ष के सामने गैलरियां संकरी होने से अन्य वार्डों में आना जाना मुश्किल होता है।
नए अस्पताल भवन का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका। एक-दो माह में यह कार्यपूरा होने की उम्मीद है। भवन मिलते ही अस्पताल को शिफ्ट कर दिया जाएगा।
-डॉ. संजय खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
कुछ फंड आना शेष है। इससे निर्माण कार्य की गति धीमी हुई है। जनवरी तक भवन का निर्माण कार्यपूरा कर लिया जाएगा।
-आशिफ मंडल, डीपीई, पीआईयू

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