डंडापुरा निवासी रीतेश नेमा, करारिया से आईं मीना अहिरवार आदि ने बताया कि वे शुक्रवार की दोपहर एसडीएम कार्यालय स्थित आधार केंद्र पर पहुंचे, तो उन्हें शनिवार की सुबह सात बजे टोकन लेने के लिए केंद्र आने के लिए कहा गया।
जिसके चलते शनिवार की सुबह वे साढ़े छह बजे ही पहुंच गए थे। लेकिन केंद्र साढ़े दस बजे खुला। वहीं अंजना शर्मा और रितु कुशवाह ने बताया कि वे आधार में संशोधन करवाने के लिए सुबह छह बजे ही केंद पहुंच गई थीं। उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे थे। केंद्र सुबह से नहीं खुलने के कारण ठंड के कारण वे परेशान होते रहे।
टोकन भी नहीं बांटे
रीतेश नेमा ने बताया कि उन्हें टोकन लेने के लिए तो सुबह से बुलाया गया, जेकिन करीब साढ़े दस बजे जब केंद्र खुला, तो किसी को भी टोकन नहीं दिए गए और कहा कि सूची बनाकर दे दो और उन्होंने जो सूची केंद्र को दी उसी क्रमानुसार एक-एक कर दिनभर सभी के आधार संबंधी कार्य हुए।
मालूम हो कि यहां नए आधार बनाने के साथ ही आधार में संशोधन आदि के कार्य किए जा रहे हैं। वहीं ई-गर्वनेंस विभाग का कहना है कि केंद्र खुलने का समय सुबह साढ़े दस है। इसी समय पर टोकन दिए जाते हैं, सुबह से किसी को केंद्र नहीं पहुंचना है।
प्रतिदिन की है समस्या
मालूम हो कि इन दिनों आधार संबंधी कार्य एसडीएम स्थित आधार केंद्र या फिर नए कलेक्ट्रेट भवन में हो रहा है। शेष जिलेभर के निजी आधार केंद्र बंद हो चुके हैं। हालांकि जिला मुख्यालय पर कुछ बैंक और पोस्टऑफिस में यह सुविधा है, लेकिन वहां जाने पर आवेदकों के आधार संबंधी कार्य करने में आनाकानी की जाती है।
इस कारण जिलेभर के आवेदक इन दोनों केंद्रों पर सुबह से पहुंचने लगते हैं। वहीं सुबह 10 बजे तक आने पर तो टोकन देकर इनके आधार संबंधी कार्य दिनभर में कर दिए जाते हैं, लेकिन यदि कोई आवेदक साढ़े दस बजे के बाद आता है, तो उसका आधार संबंधी कार्य नहीं हो पाता और उसे दूसरे दिन समय पर टोकन लेने के लिए कह दिया जाता है।
ऐसे में आवेदकों को आधार संबंधी कार्य करवाने के लिए दो से तीन बार जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है और वे परेशान हैं। हालांकि जल्द ही चार नए आधार केंद्र शहर में खुलने वाले हैं, जिससे इस समस्या से कुछ हद तक निजात मिलेगी।