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रोबोटिक गेजेट की मदद पढेंगे बच्चे, आलमारी में बंद रखने या उपयोग न करने अधिकारियों को देगा जानकारी

locationविदिशाPublished: Aug 22, 2019 05:18:18 pm

Submitted by:

Bhupendra malviya

प्रदेश में पहला जिला जहां सौ शासकीय स्कूलों को मिले रोबोटिक गेजेट

अब रोबोटिक गेजेट की मदद से होगी स्कूली में पढ़ाई

अब रोबोटिक गेजेट की मदद से होगी स्कूली में पढ़ाई

विदिशा। जिले के माध्यमिक स्कूलों में अब रोबोटिक गेजेट की मदद से पढ़ाई हो सकेगी। यह रोबोटिक गेजेट बच्चों सामान्य ज्ञान एवं शिक्षा संबंधी सवालों का जबाव देगा और प्रेरणा देने वाली कहानियां भी सुना सकेगा। नई तकनीकी के साथ बच्चे आगे बढ़ें और उनकी जिज्ञासाओं का तुरंत समाधान हो। उनमें सोचने की शक्ति बढ़े इस उद्देश्य से यह रोबोटिक गेजेट जिले के सौ स्कूलों को उपलब्ध कराए गए हैं।

 

प्रशिक्षण के लिए बुलवाया गया
डाइट में इन रोबोटिक गेजेट्स वितरण के लिए कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें स्कूलों के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलवाया गया था। जहां उन्हें रोबोटिक गेजेट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस मौके पर विधायक शशांक भार्गव, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह, जिपं सीईओ मयंक अग्रवाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। यह रोबोटिक गेजेट हेसलफे्र फाउंडेशन द्वारा दिए गए।

 

नींव को मजबूत बनाना है
इस मौके पर फाउंडेशन के संस्थापक नादनूर जनार्दन ने कहा कि ट्रस्ट का उद्देश्य बच्चों की नींव को मजबूत बनाना है ताकि बच्चे अपना जीवन बेहतरीन तरीके से प्रारंभ कर सके। रोबोटिक गेजेट्स में है 20 हजार सवालों के जबाव फाउंडेशन के स्टेट कॉर्डिनेटर आशीष कोल्हारकर एवं जिला समन्वयक आदित्य पौराणिक ने बताया कि इस रोबोटिक गेजेट्स में 20 हजार सवालों के जबाव है। बच्चों के हर सवाल का जबाव तुरंत मिलेगा। अगर किसी जबाव का उत्तर नहीं मिल पाया तो रोबोट इस सवाल को सर्वर पर डालेगा और वहां से उसका उत्तर रोबोट को मिलने पर वह इसका जबाव देगा।

 

नई टेक्नॉलॉजी आ रही है
आशीष कोल्हारकर और आदित्य पौराणिक ने बताया कि मप्र के 8 आकांक्षी जिलों में सबसे पहले यह रोबोटिक गेजेट्स विदिशा जिले को उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने बताया कि आगामी समय में और नई टेक्नॉलॉजी आ रही है।

 

रोबोटिक गेजेट्स मददगार बनेगा
इस बदलाव के बीच समन्वय बनाने के लिए बच्चे टेक्नॉलॉजी को जाने और उनमें सोचने की शक्ति बढ़े इसमें यह रोबोटिक गेजेट्स मददगार बनेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए नेट की आवश्यकता नहीं रहेगी। आलमारी में बंद रखने या इसका उपयोग न करने पर यह संबंधित अधिकारियों को संकेत भी देगा और कुछ खराबी आने पर इसके सुधार की व्यवस्था भी रहेगी।

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