आवारा मवेशी बैठे दिख जाएंगे
शहर में नेशनल हाईवे पर बाढ़ वाले गणेश मंदिर के सामने से लेकर स्वामी विवेकानंद चौराहा, दुर्गानगर चौराहा, अम्बेडकर चौराहा, कान्वेंट स्कूल के सामने, बंटीनगर चौराहा से लेकर मिर्जापुर मंडी तक जगह-जगह आवारा मवेशियों के झुंड बैठे दिख जाएंगें। इसी प्रकार नेशनल हाईवे पर बैसनगर से लेकर स्वामी विवेकानंद चौराहा तक जगह-जगह आवारा मवेशी बैठे दिख जाएंगे।
हो रहे हादसे
नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर इन मवेशियों के जगह-जगह बैठे होने के कारण वाहन चालकों का वाहन चलाना मुश्किल होता है और कई बार मवेशियों को बचाने के चक्कर में दो पहिया वाहन चालक गिर जाते हैं या हादसे हो जाते हैं। शहर में मवेशियों के कारण प्रतिदिन दो से तीन छोटे-बड़े हादसे हो रहे हैं।
बाजार में चलना मुश्किल
बड़ाबाजार से लेकर तिलकचौक, निकासा होते हुए माधवगंज, खरीफाटक मार्ग, बांसकुली, बजरिया मार्ग आदि मुख्य मार्गों और बाजार में भी दिनभर मवेशियों की घमाचौकड़ी मची रहती है। मवेशियों के कारण पैदल चलना तक मुश्किल होता है और दुकान से सामान लेना मुश्किल होता है।
18 दिन में 127 पहुंचे अस्पताल कुत्ते के काटे
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक किस प्रकार है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक सितम्बर से 18 सितम्बर तक 128 लोगों को कुत्तों ने काटा, जो रैबीज का इंजेक्शन लगवाने और उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। वहीं पिछले माह में 250 कुत्ते के काटे मरीज अस्पताल पहुंचे थे। शहर की हर गली और मोहल्लों में आवारा कुत्तों से भी नागरिक परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात को होती है। सड़कों से निकलने पर यह राहगीरों और वाहन चालकों पर झूम जाते हैं और काट लेते हैं।
वापस शहर में आ जाते हैं कुत्ते
नपा द्वारा कभी-कभी शहर में कुत्ता पकड़ो अभियान चलाया जाता है और इन्हें पकड़कर बाईपास और सौंठिया के पास छोड़ा जाता है, जहां से यह कुछ ही घंटों में पास आ जाते हैं। जबकि इन्हें शहर से काफी दूर छोड़ा जाए, तो इनका वापस आना मुश्किल रहेगा।
सुअरों को भी नपा नहीं कर पाई बाहर
शहर में जानकीनगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, मुखर्जीनगर, स्वर्णकार कॉलोनी, वैशालीनगर, बरईपुरा सहित कई पॉश कॉलोनियों में तक सुअरों का आतंक है।
गौशाला के लिए इस्टीमेट तैयार
नपा से मिली जानकारी के अनुसार शहर के आवारा मवेशियों के लिए कुआखेड़ी में 48 बीघा क्षेत्र में गौशाला की बाउंड्रीबॉल के लिए करीब 53 लाख रुपए से अधिक का इस्टीमेट तैयार हो गया है। टेंडर के बाद इसका काम शुरु हो जाएगा। इस गौशाला में करीब 5 हजार से अधिक आवारा मवेशियों को रखा जा सकेगा।
इनका कहना है
सर्वे के अनुसार शहर में करीब 3 हजार आवारा मवेशी है। इनके अलावा कुत्ते हैं। कुत्तों को सौंठिया के पास छोड़कर आते हैं, लेकिन वे वापस आ जाते हैं। वही इस माह करीब 125 मवेशियों के कांजी हाउस और गौशाला में छोड़ा गया, वहां जगह नहीं होने के कारण आवारा मवेशियों को सिर्फ सड़क से एक तरफ कर पाते हैं। गौशाला बनने के बाद दिक्कत नहीं होगी। वहीं बारिश थमने के बाद कुत्तों और सुअरों को शहर से बाहर करने के लिए विशेष मुहिम चलाई जाएगी।
राजेश शर्मा, स्वास्थ्य शाखा प्रभारी, नपा, विदिशा