scriptरेलवे ट्रेक से जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर नागरिक | Citizens forced to leave their lives by risking railway tracks | Patrika News

रेलवे ट्रेक से जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर नागरिक

locationविदिशाPublished: Dec 06, 2019 03:04:58 pm

Submitted by:

Anil kumar soni

कल्हार रेलवे स्टेशन पर शिलान्यास के सवा साल बाद नहीं बन सका फुट ओवर ब्रिज

 मंडीबामोरा। एफओबी के अभाव में इस तरह जान जोखिम मेें डालकर स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों के नीचे से निकलते हैं यात्री।

मंडीबामोरा। एफओबी के अभाव में इस तरह जान जोखिम मेें डालकर स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों के नीचे से निकलते हैं यात्री।

मंडीबामोरा। करीबी कल्हार रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज के शिलान्यास के सवा साल बाद भी इसका बनना तो दूर इसके निर्माण की नींव भी नहीं डल सकी है। इस कारण यहां रेलवे स्टेशन पर एक प्लेटफार्म से दूसरी तरफ जाने के लिए नागरिक रेलवे ट्रेक से जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि कई बार तो स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों के नीचे से तक लोग निकल जाते हैं।

मालूम हो कि तत्कालीन सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, विधायक वीरसिंह पंवार सहित रेलवे के आला अधिकारियों ने 28 सितंबर 2018 को इसका शिलान्यास किया था। तो ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी उन्हें अब जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रेक से नहीं निकलना पड़ेगा। लेकिन स्थिति यह है कि इसके निर्माण की दिशा में तक कोई कदल उठता नजर नहीं आ रहा है।

पातालकोट के स्टॉपेज का मामला भी ठंडे बस्ते में
मालूम हो कि मंडीबामोरा रेलवे स्टेशन पर पातालकोर्ट एक्सप्रेस सहित कुछ अन्य ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग क्षेत्रीय सांसद से स्थानीय नागरिकों ने कई बार की, लेकिन इनके स्टॉपेज की दिशा में भी कोई पहल नहीं हो सकी और यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया।

लंबे समय से कर रहे थे मांग
मालूम हो कि यहां पर फुट ओवरब्रिज की मांग लंबे समय से की जा रही थी। तब कहीं जाकर इसका शिलान्यास हो सका था। लेकिन रेलवे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण इसके निर्माण की दिशा में पहल नहीं हो पा रही है। जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

मालूम हो कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के कई रेलवे स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज की दरकार है। वहां के लोग भी फुटओवर ब्रिज की मांग रेलवे अधिकारियों से करते आ रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो पा रही है।

इस कारण ग्रामीणों को मजबूरन जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रेक पार करना पड़ता है कई बार तो स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों के नीचे से भी निकल जाते हैं। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में अंडर ब्रिज की दरकार है, लेकिन लंबे समय बाद भी वहां अंडर ब्रिज नहीं बन सके हैं। इस कारण यहां के लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

इनका कहना है
रेलवे स्टेशन की बाउंड्री को तोडऩे को लेकर असमंजस की स्थिति थी, जो अब समाप्त हो गई है। शीघ्र ही कल्हार रेलवे स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज निर्माण कार्य शुरु किया जाएगा।
आईए सिद्धीकी, पीआरओ, रेलवे, भोपाल

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