मालूम हो कि एक माह पूर्व नपा सीएमओ सुधीरसिंह ने नपा कार्यालय में बैठक आयोजित कर स्वच्छता में टॉप में आने की बात कहते हुए इस दिश में किए जाने वाले प्रयासों की जानकारी दी थी। इसके तहत स्वच्छता के लिए जगह-जगह दीवार लेखन हुआ, पोस्टर लगवाए गए। सीएमओ सहित नपाध्यक्ष मुकेश टंडन व पार्षद आदि भी झाड़ू लेकर सफाई करने व स्वच्छता का संदेश देने सड़कों पर निकले, पॉलीथिन बंद कराने के लिए झोले वितरण व कचरा सड़क पर फेकने पर जुर्माने जैसी कार्रवाई भी की गई लेकिन सफाई व्यवस्था में इन प्रयासों से कोई बदलाव नहीं आ पाया है।
जबकि आगामी ४ जनवरी से ३१ जनवरी तक नगरपालिका क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद भी नगरपालिका इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही है। नहीं हो रही नालियां साफ, हर तरफ कचरों के ढेर शहर में बरईपुरा, मोहनगिरी, लड्ढा वाली गली, खरीफाटक, अरिहंत विहार, राजीव नगर, शेरपुरा, दुर्गानगर, हरिपुरा, हीरापुरा आदि कई क्षेत्रों में नाले-नालियां गंदगी से भरी पड़ी है।
इसी तरह अस्पताल के पीछे, जिपं कार्यालय के पास, बरईपुरा स्कूल के समीप, खरीफाटक के अंदरूनी मार्ग, अनाज मंडी रोड मैरेज गार्डन के पास आदि कई क्षेत्रों मे सड़कों के किनारे दिनभर कचरों के ढेर लग रहे।
स्वच्छता में कमी: यह मान रहे कारण – संविदा सहित 350 कर्मचारी है, जबकि 500 कर्मचारियों की कमी – एक हजार की आबादी पर 1 कर्मचारी की जरूरत अभी 6 हजार की आबादी पर एक कर्मचारी है।
– टे्रचिंग ग्राउंड 12 किमी दूर। इससे कचरा वाहनों के चक्कर कम लग पा रहे। – नालों की सफाई के लिए नाला गेंग नहीं है। – 39 वार्ड, 45 ऑटो, लेकिन विभिन्न कारणों से 35 वार्ड में ही पहुंच पाते घर-घर ऑटो।
– वाहन बिगडऩे पर मरम्मत के लिए नहीं वर्कशॉप – हर दिन दिन 50 टन कचरा उठाने के बाद भी सफाई से रह जाते हैं कुछ क्षेत्र। सफाई कर्मचारियों की कमी एवं ट्रेचिंग ग्राउंड की दूरी के कारण मुख्य रूप से समस्या आ रही है। उपलब्ध संसाधनों व सीमित स्टॉफ के बीच बेहतर कार्य करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
– सुधीरसिंह, सीएमओ