पत्रिका ने मंगलवार की दोपहर शहर की सीमाओं और पुलिस चैक पाइंट का मुआयना किया, तो कुछ इसी तरह के हालात सामने आए। पत्रिका टीम दोपहर पौने तीन बजे मिर्जापुर-बाईपास तिराहे पर पहुंची, तो यहां कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया और न ही यहां चैक पाइंट बनाया गया है। ऐसे में सागर जिले तरफ से आने वाले वाहन बेधड़क होकर जिले में आ जा रहे थे, कोई उन पर नजर रखने वाला नहीं था। जबकि विसं चुनाव में यहां बकायदा बंकर बनाकर चैक पाइंट बनाया गया था।
चैक पाइंट पर सिर्फ एक पुलिसकर्मी
अहमदपुर रोड पर बने पुलिस पाइंट पर दोपहर तीन बजे बकायदा तंबू तो लगा हुआ था, लेकिन यहां सिर्फ एक पुलिसकर्मी मौजूद था। सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित अन्य दो पुलिसकर्मी नदारद थे। वहीं अहमदपुर गांव सहित रायसेन जिले की तरफ से वाहनों की आवाजाही लगातार जारी थी, लेकिन कोई उनकी जांच नहीं कर रहा था।
अहमदपुर रोड पर बने पुलिस पाइंट पर दोपहर तीन बजे बकायदा तंबू तो लगा हुआ था, लेकिन यहां सिर्फ एक पुलिसकर्मी मौजूद था। सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित अन्य दो पुलिसकर्मी नदारद थे। वहीं अहमदपुर गांव सहित रायसेन जिले की तरफ से वाहनों की आवाजाही लगातार जारी थी, लेकिन कोई उनकी जांच नहीं कर रहा था।
यहां पत्रिका टीम देखकर हुई जांच शुरू
ग्राम सौंठिया मार्ग पर बने चैक पाइंट पर सवा तीन बजे दो पुलिसकर्मी और एक प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। एक पुलिसकर्मी नदारद था। पत्रिका टीम करीब सवा तीन बजे यहां पहुंची, तो सभी तंबू में कुर्सियों पर बैठे हुए थे और बाइपास से विदिशा की तरफ वाहनों का आना-जाना जारी था। पत्रिका टीम को देखते ही पुलिसकर्मी उठ खड़े हुए और वाहनों की जांच करने लगे।
ग्राम सौंठिया मार्ग पर बने चैक पाइंट पर सवा तीन बजे दो पुलिसकर्मी और एक प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। एक पुलिसकर्मी नदारद था। पत्रिका टीम करीब सवा तीन बजे यहां पहुंची, तो सभी तंबू में कुर्सियों पर बैठे हुए थे और बाइपास से विदिशा की तरफ वाहनों का आना-जाना जारी था। पत्रिका टीम को देखते ही पुलिसकर्मी उठ खड़े हुए और वाहनों की जांच करने लगे।
सांची रोड पर नहीं मिला कोई पुलिसकर्मी
सांची रोड पर बने चैक पाइंट पर पत्रिका टीम करीब साढ़े तीन बजे पहुंची, तो यहां तंबू में कुछ प्रशासनिक अधिकारी बैठक हुए थे, लेकिन कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। रायसेन-भोपाल तरफ से छोटे-बड़े वाहन शहर में बगैर जांच के ही आ-जा रहे थे। इनकी कोई जांच नहीं हो रही थी। इसी तरह ढोलखेड़ी चौराहा पर भी कोई पुलिस पाइंट इस बार नहीं बनाया गया है, जबकि विसं चुनाव में यहां पुलिस पाइंट बनाया गया था। पाइंट के अभाव में गुना, नरसिंहगढ़, मकसूदनगढ़ और बैरसिया तरफ से वाहनों की आवाजाही बेधड़क जारी थी।
सांची रोड पर बने चैक पाइंट पर पत्रिका टीम करीब साढ़े तीन बजे पहुंची, तो यहां तंबू में कुछ प्रशासनिक अधिकारी बैठक हुए थे, लेकिन कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। रायसेन-भोपाल तरफ से छोटे-बड़े वाहन शहर में बगैर जांच के ही आ-जा रहे थे। इनकी कोई जांच नहीं हो रही थी। इसी तरह ढोलखेड़ी चौराहा पर भी कोई पुलिस पाइंट इस बार नहीं बनाया गया है, जबकि विसं चुनाव में यहां पुलिस पाइंट बनाया गया था। पाइंट के अभाव में गुना, नरसिंहगढ़, मकसूदनगढ़ और बैरसिया तरफ से वाहनों की आवाजाही बेधड़क जारी थी।
नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे
जो भी चैक पाइंट बनाए गए हैं, वहां सीसीटीवी लगे होने की सूचना तो फ्लेक्स आदि पर लिखी है, लेकिन सीसीटीवी कैमरे अभी तक नहीं लग सके हैं। इस कारण कैमरे के माध्यम से भी वाहनों की जांच नहीं हो पा रही है। वहीं पुलिसकर्मियों के तंबू में बिजली, पानी के भी पुख्ता इंतजाम अब तक नहीं हो सके हैं।
जो भी चैक पाइंट बनाए गए हैं, वहां सीसीटीवी लगे होने की सूचना तो फ्लेक्स आदि पर लिखी है, लेकिन सीसीटीवी कैमरे अभी तक नहीं लग सके हैं। इस कारण कैमरे के माध्यम से भी वाहनों की जांच नहीं हो पा रही है। वहीं पुलिसकर्मियों के तंबू में बिजली, पानी के भी पुख्ता इंतजाम अब तक नहीं हो सके हैं।
हथियारों का पकड़ाया था जखीरा
जिले की सीमाओं पर पुलिस व्यवस्था मजबूत नहीं होने के कारण जिले में चुनाव के समय हथियारों के साथ ही मादक पदार्थ आदि की आवाजाही बेधड़क जारी है। इसी कड़ी में दो दिन पूर्व ही सागर तरफ से छह सदस्यीय आरोपियों का दल जिले में 15 कट्टे, 55 कारतूत और आठ तलवाल आदि लेकर आ गया था। बाद में मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने इन्हें पकड़ा था। लेकिन सीमाओं पर यदि पुलिस चौकस होती तो अवैध हथियार जिले में कैसे आ सकते थे।
जिले की सीमाओं पर पुलिस व्यवस्था मजबूत नहीं होने के कारण जिले में चुनाव के समय हथियारों के साथ ही मादक पदार्थ आदि की आवाजाही बेधड़क जारी है। इसी कड़ी में दो दिन पूर्व ही सागर तरफ से छह सदस्यीय आरोपियों का दल जिले में 15 कट्टे, 55 कारतूत और आठ तलवाल आदि लेकर आ गया था। बाद में मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने इन्हें पकड़ा था। लेकिन सीमाओं पर यदि पुलिस चौकस होती तो अवैध हथियार जिले में कैसे आ सकते थे।
हमारे द्वारा एसएसटी और एफएसटी मूवेबल पाइंट बनाए गए हैं। जो सतत जिले की सीमाओं सहित भीतर भी निगरानी कर रहे हैं और वाहनों की जांच भी कर रहे हैं। वहीं पुलिस चैक पाइंट के संबंध में एसपी बता पाएंगे।
– केवी सिंह, कलेक्टर, विदिशा
– केवी सिंह, कलेक्टर, विदिशा
जिले की सीमाओं पर पर कुल 15 पाइंट बनाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे सभी पाइंट पर जल्द लग जाएंगे। जिन पाइंट पर पुलिसकर्मी नदारद मिले, जांच करवाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-विनायक वर्मा, एसपी
-विनायक वर्मा, एसपी