चलने लगी शीत लहर, रैन बसेरा की अनदेखी गरीबों पर पड़ेगी भारी
विदिशाPublished: Nov 19, 2022 10:22:28 pm
नपा और जिला अस्पताल के रैन बसेरा में व्यवस्थाएं दुरुस्त किया जाना जरूरी


चलने लगी शीत लहर, रैन बसेरा की अनदेखी गरीबों पर पड़ेगी भारी
विदिशा। शहर में सर्दी का मौसम अब असर दिखाने लगा है। रात में शीत लहर चलने लगी है लेकिन शहर में रैन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शहर में कहने को दो रैन बसेरा, लेकिन यह दोनों ही रेन बसेरा जरूरतमंदों को ज्यादा उपयोगी साबित नहीं हो पा रहे है और लोग सर्दी की कंपकपाती रातें रेलवे स्टेशन के मुसाफिर खाने, बस स्टैंड या दुकानों की शेड के नीचे ही गुजारते आए हैं।
मालूम हो कि यहां बस स्टैंड के समीप वर्ष 2013 में नपा ने रेन बसेरा का निर्माण हुआ था। केंद्र सरकार की योजनांर्तगत यह रैन बसेरा तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के कार्यकाल के समय बना। उद्देश्य यही था कि कोई भी व्य क्ति रात में खुले आसमान के नीचे रात बिताने के लिए मजबूर न रहे और उसे रात रुकने के लिए सुव्यव िस्थत, सुरक्षित व उचित स्थान मिल सके, लेकिन 9 वर्ष बाद भी यहां यह रैन बसेरा अपने उद्देश्य में खरा नहीं उतर पाया है। वजह साफ है कि इसकी व्यवस्था का कुशलता पूर्वक संचालन नहीं किया गया और रैन बसेरा को उसकी मौजूदगी की पहचान वर्षों बाद भी नहीं दिलाई सकी।
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पहले थे 40 पलंग अब रह गए 20
नपा के इस बस स्टैंड िस्थत रैन बसेरा में दो बड़े हाल है। इन हॉल को पुरुष एवं महिला दो अलग-अलग नाम दिए गए थे। इन दोनों हॉल में 20-20 पलंग की व्यवस्था थी, लेकिन अब पुरुष हॉल में 14 एवं महिला हॉल में सिर्फ 6 पलंग की व्यवस्था रह गई है। आठ पलंग कहां गए इसकी जानकारी किसी को नहीं है। हर मौसम में दर्जनों लोग दुकानों की शेड के नीचे तो कहीं बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर रात गुजारते हैं पर इस रैन बसेरा में बमु श्किल पांच से 12 लोग तक ही ठहर पा रहे हैं। कारण स्पष्ट है कि जरूरतमंदों की जरूरी आवश्यकता को न जिला प्रशासन गंभीरता से ले रहा न नपा और न ही जनप्रतिनि धि। यहां तक कि रैन बसेरा का समय-समय पर निरीक्षण भी नहीं किया जाता।
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इस हॉल में है भवन
रैन बसेरा का यह भवन बुरे हाल में है। भवन को पुताई की जरूरत है। बिजली के तार अस्त व्यस्त और कई जगह से तार खुले हुए हैं जिनसे करंट का डर है। भवन में लगी एलइडी टीवी कई वर्ष से बंद हैं। कुछ पंखे भी बंद हैं। पर्याप्त पलंग नहींं कुछ बल्ब भी बंद है। करीब छह सीसीटीवी कैमरे लगे जो सभी बंद हैं और इनमें धूल जमी हुई है। हालत यह कि सेवा के इस कार्य को नपा ने खुद दूरियां बना ली और इसे एक एनजीओ को दे दिया है। यह एक परिवार को भी स्थायी रूप से रखा गया है और इस परिवार की गृहस्थी का सामान भी पुरुष हाल में रखा हुआ है। एनजीओ से जुड़े कर्मचारी का कहना रहा कि जो व्यवस्थाएं उन्हें मिली उसी व्यवस्थाओं में रैन बसेरा चल रहा है।
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जिला अस्पताल का रैन बसेरे का भी नहीं हो रहा पर्याप्त उपयोग
इसी तरह जिला अस्पताल का रैन बसेरे का संचालन भी दुरस्त नहीं है। बीती रात यहां मरीजों के परिजनों को पुटपाथ पर सोता हुआ पाया गया। इन्हें नहीं मालूम था कि रात रुकने के लिए ऐसी कोई सुविधा यहां उपलब्ध है। इन्हें अस्पताल चौकी में तैनात पुलिस ने रैन बसेरा दिखाया। मालूम हो दिसंबर 2021 में कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अ धिकारियों ने इसका शुभारंभ किया था और एक कंपनी ने 50 कंबल, 50 चादर, 50 तकिए कवर भेंट किए थे लेकिन दान की साम िग्रयों एवं रेन बसेरा का कितना उपयोग हो रहा यह देखने वाला कोई नहीं है।
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इस हाल में अस्पताल का रैन बसेरा
जिला अस्पताल का यह रैन बसेरा टीवी अस्पताल के समीप दूसरे तल पर एक बड़े हाल में है। कुछ गद्दे बिछी हुई हालत में तो कुछ घिड़ी बने हुए रखे हैं। कुछ कंबल गद्दों पर अस्त व्यस्त पड़े हैं। हाल मेे लगे पंखों पर धूल जम रही। हॉल के एक कोने में गंदगी जमा है और यहां बने प्रसाधन के पास भी गंदगी पसरी है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक दो बार टैंडर निकाल चुके लेकिन कोई भी समाजसेवी संगठन इस रैन बसेरा की व्यवस्था संभालने आगे नहीं आया। अपने स्तर पर रैन बसेरा का यह हॉल खोला गया और एक कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई है।
वर्जन
रैन बसेरा को मरम्मत की जरूरत है। इसके अलावा भी वहां जो कमी होगी उसे शीघ्रता से दूर किया जाएगा।
-सीपी राय, सीएमओ, नपा
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अस्पताल का रैन बसेरा चालू है। इसके लिए एक कर्मचारी की भी डयूटी लगाई गई है। गुणवत्ता युक्त संचालन के प्रयास किए जा रहे हैं।
-संजय खरे सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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