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अपनी बेटी को गोद में लेकर आंगनबाड़ी पहुंचे कलेक्टर, बच्चों संग फर्श पर बैठ खुद बन गए बच्चे

locationविदिशाPublished: Jan 22, 2021 09:40:03 pm

Submitted by:

govind saxena

विदिशा. फर्श पर ही बैठ बच्चों की गतिविधियों में लिया हिस्सा।

अपनी बेटी को गोद में लेकर आंगनबाड़ी पहुंचे कलेक्टर, बच्चों संग फर्श पर बैठ खुद बन गए बच्चे

अपनी बेटी को गोद में लेकर आंगनबाड़ी पहुंचे कलेक्टर, बच्चों संग फर्श पर बैठ खुद बन गए बच्चे

विदिशा. पहले खुद करो फिर दूसरों को सीख दो। जब तक खुद नहीं करेंगे तब तक दूसरोंं को कैसे समझाएंगे कि आंगनबाड़ी या स्कूल या अन्य जरूरी चीजों का क्या महत्व है? इसी सोच के चलते कलेक्टर डॉ पंकज जैन शुक्रवार को अपनी तीन साल की बच्ची पंखुड़ी को लेकर अहमदपुर रोड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र जा पहुंचे। यहां वे और उनकी बेटी फर्श पर आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ बैठी रही, इस दौरान कलेक्टर ने भी बच्चों संग खेल खेले और खूब तालियां बजाईं। इस दौरान डॉ. जैन की मां पीछे कुर्सी पर बैठीं अपने कलेक्टर बेटे की सहजता और उनका फिर बचपन में पहुंच जाने का खेल निहार रहीं थीं।
पिरामल फाण्डेशन जिले में आंगनबाडी केन्द्रो के सुधार के लिए काम कर रहा है। इसी सिलसिले में फाउंडेशन द्वारा बच्चों को तस्वीरों वाली किताबें दी गईं, जिससे बच्चों को सिखाया और प्रोत्साहित किया जा सके। कलेक्टर डॉ पंकज जैन अपनी मां और पुत्री के साथ अहमदपुर में संचालित आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक 32/143 में पहुंचे। यहां वे बच्चों के साथ घुल-मिलकर कलेक्टर जमीन पर बैठ गए और अपनी बच्ची पंखुडी के साथ-साथ अन्य सभी बच्चों को किताब की तस्वीरें दिखाकर पूछा- ग्रीन कलर कहां हैï? देखो, ये आलू दादा, ये प्याज दादा, सब कुछ है किताब में। यहां वे पौन घंटा रुके।
कटनी में भर्ती कराया था अपनी बेटी को
यह पहला मौका नहीं है, जब कलेक्टर डॉ जैन अपनी बच्ची को लेकर आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे हों। इससे पहले कटनी कलेक्टर रहते हुए भी उन्होंने अपनी बच्ची को आंगनबाड़ी केंद्र में भर्ती कराया था, उस समय उनकी इस पहल पर राज्यपाल आनंदीबेन ने उनकी सराहना की थी।
प्री-स्कूलिंग और ज्ञानवर्धक माहौल मिले- डॉ जैन
कलेक्टर डॉ जैन ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आंगनबाडी केन्द्रो में नार्मल एक्टिविटी संचालन करने का आदेश शासन द्वारा जारी किया गया है अब सभी चीजें जैसे-जैसे अनलॉक हो रही है। वैसे-वैसे अन्य गतिविधियों में वृद्वि हो रही है। आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चो का नर्सरी बतौर विकास हो, आंगनबाडी केन्द्र पोषण आहार वितरण से ही नही जाने जाएं बल्कि यहां आने वाले बच्चो को प्री स्कूलिंग नर्सरी बतौर ज्ञानवर्धक का माहौल मिले ताकि बच्चे नर्सरी यहां सीख सकें। इस दौरान कलेक्टर डॉ जैन ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश शिवहरे को शासन की जारी गाइड लाइन अनुसार सभी आंगनबाडी केन्द्रो में धीरे-धीरे नार्मल एक्टिविटी संचालित कराने तथा आंगनबाडी केन्द्र ज्ञानवर्धन केन्द्र के रूप में स्थापित करने के लिए कहा।
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