कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने आए छात्रों ने बताया कि वे आवास योजना के तहत शहर में किराए से मकान लेकर रह रहे हैं। वे किराए के रूप में मकान मालिक को नकद राशि देते हैं और यह राशि उन्हें बाद में शासन से आवास छात्रवृत्ति के रूप में मिल जाती है। लेकिन अब संस्था ने चैक से किराया भुगतान करने का नियम बता दिया। संस्था द्वारा आवास छात्रवृत्ति आवेदन के साथ पिछले वर्ष के चैक की छायाप्रति मांगी जा रही है। इन छात्रों का कहना है कि मकान मालिक चैक से किराए लेने को तैयार नहीं होते वे नकद राशि ही चाहते हैं या कमरा खाली करने का कह देते हैं। ऐसे में उन्हें किराए के रूप में नकद राशि देना पड़ती है। ऐसे में वे चैक की छात्राप्रति नहीं दे पा रहे। अब संस्था ने चैक से किराया भुगतान करने का नियम बता दिया।
एसएटीआई डिग्री के इन विद्यार्थियों का कहना है प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के करीब 350 छात्र-छात्राओं के समक्ष यह समस्या आ रही है। छात्रों ने बताया कि पूर्व में आवास छात्रवृत्ति के आवेदन के साथ मासिक किराया का विवरण, रसीद टिकट व शपथ पत्र की प्रक्रिया थी। उन्होंने चैक के स्थान पर पूर्व प्रक्रिया को यथावत रखे जाने की मांग की।
एसएटीआई डिग्री के इन विद्यार्थियों का कहना है प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के करीब 350 छात्र-छात्राओं के समक्ष यह समस्या आ रही है। छात्रों ने बताया कि पूर्व में आवास छात्रवृत्ति के आवेदन के साथ मासिक किराया का विवरण, रसीद टिकट व शपथ पत्र की प्रक्रिया थी। उन्होंने चैक के स्थान पर पूर्व प्रक्रिया को यथावत रखे जाने की मांग की।