एसएटीआई में 2016 में शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों का विभागवार उल्लेख किया गया था, लेकिन उस समय किन्हीं कारणों से उक्त भर्ती नहीं हो सकी। इसके बाद जनवरी 2019 में शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन फिर जारी किया गया, जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों का विभागवार कोई उल्लेख नहीं किया गया। इन दोनों ही विज्ञापनों के बाद अब तक कोई भर्ती नहीं हो सकी। संस्था सूत्रों और रिकार्ड के अनुसार इस बीच 2018 में संस्था के ही 6 शिक्षकों की एक समिति बनाकर रोस्टर बना लिया, जिसकी नियमानुसार शासन से कोई अनुमति नहीं ली गई। मजे की बात यह है कि रोस्टर समिति के एक सदस्य संविदा शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इसी बात को लेकर आयोग से शिकायत की गई है कि इसमें रोस्टर के नियमों का पालन नहीं किया गया इसी को लेकर शिकायत की गई थी कि यह कार्य समाज के अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के अधिकारों का हनन है। इस पर ही आयोग ने नोटिस जारी किया है।
बढ़ सकती हैं संस्थान की मुश्किल
एसएटीआई में पिछले तीन माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे संस्थान में शिक्षकों की नई नियुक्तियां लोगों के गले नहीं उतर रही है। फिर इस तरह की नियुक्तियों के कारण ऑडिट ऑब्जेक्शन तय माना जा रहा है, जिसके चलते शासन से ग्रांट तक रोकी जा सकती है और एसएटीआई फिर एक बड़े संकट में फंस सकता है।
एसएटीआई में पिछले तीन माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे संस्थान में शिक्षकों की नई नियुक्तियां लोगों के गले नहीं उतर रही है। फिर इस तरह की नियुक्तियों के कारण ऑडिट ऑब्जेक्शन तय माना जा रहा है, जिसके चलते शासन से ग्रांट तक रोकी जा सकती है और एसएटीआई फिर एक बड़े संकट में फंस सकता है।
संचालक ने नहीं दिया जवाब
एसएटीआई डायरेक्टर डॉ. जेएस चौहान से जब इस बारे में पूछने के लिए संपर्क किया गया तो कई बार कॉल करने के बाद भी उन्होंने अटेंड नहीं किया। उन्होंने इस संबंध में भेजे गए मैसेज का जवाब भी देना उचित नहीं समझा।
एसएटीआई डायरेक्टर डॉ. जेएस चौहान से जब इस बारे में पूछने के लिए संपर्क किया गया तो कई बार कॉल करने के बाद भी उन्होंने अटेंड नहीं किया। उन्होंने इस संबंध में भेजे गए मैसेज का जवाब भी देना उचित नहीं समझा।
आयोग ने कहा हम कराएंगे जांच
रा ष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की अनुसंधान अधिकारी दीपिका खन्ना ने प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा भोपाल और संचालक एसएटीआई विदिशा को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि एसएटीआई में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने संबंधी याचिका आयोग को मिली है और आयोग ने इस मामले का अन्वेषण करने का निश्चय किया है। आयोग ने प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा और एसएटीआई डायरेक्टर को इसका नोटिस भेजा है।
रा ष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की अनुसंधान अधिकारी दीपिका खन्ना ने प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा भोपाल और संचालक एसएटीआई विदिशा को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि एसएटीआई में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने संबंधी याचिका आयोग को मिली है और आयोग ने इस मामले का अन्वेषण करने का निश्चय किया है। आयोग ने प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा और एसएटीआई डायरेक्टर को इसका नोटिस भेजा है।