जुलूस के साथ में एक रथ पर नोटबंदी और उसके परिणामों के बारे में बैनर, कार्टून और चार पुतले दिखाए गए थे। यह जुलूस जयस्तंभ से बजरिया, झूलनपीर, लोहाबाजार, बड़ा बाजार, तिलक चौक, निकासा और कोतवालीके सामने से कांग्रेस का यह जुलूस माधवगंज चौराहे पर पहुंचा, जहां कांग्रेस नेताओं ने नुक्कड़ सभा को संबोधित किया।
बड़ा बाजार के आगे पुलिस ने पुतलों के मुंह पर से मोदी और शिवराज के मुखौटे हटवा लिए थे। लेकिन माधवगंज पर पहुंचते ही कांग्रेसियों ने फिर वे मुखौटे पुतलों के चेहरों पर लगाए और एक-एक कर सात पुतलों को जला दिया। यहां दमकल, एसडीएम, तहसीलदार, दो टीआई और भारी पुलिस बल मौजूद था, लेकिन पुतलों को जलने से कोई नहीं रोक पाया। कोतवाली टीआई जितेन्द्र सिंह यादव और सिविल लाइन टीआई संजीव चौकसे ने फायरमैन की सहायता से जलते पुतलों पर पानी डालने का प्रयास किया लेकिन वे भी कांग्रेसियों की भारी धक्का-मुक्की का शिकार हुए। यहां एक पुलिसकर्मी ने जब गाली दी तो कांग्रेसियों ने उसे बुरी तरह धकिया दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस और कांग्र्रेसियों की कई बार झड़प हुई, लेकिन योजनाबद्ध तरीके से कांग्रेसियों ने दमकल पर कब्जा कर लिया और पानी पुतलों तक नहीं पहुंचने दिया। नारेबाजी के बीच सारे पुतले जलाकर कांग्रेसियों ने जश्न मनाया।
पुतला दहन के बाद माधवगंज पर कांग्रेसियों ने नुक्कड़ सभा की। इसमें शशांक भार्गव, प्रियंका किरार, ज्योत्सना यादव, अशरफ खान, रघुवीर सिंह सूर्यवंशी, देवेन्द्र राठौर, वीरेन्द्र पीतलिया, रवि साहू, दीपक बाजपेई आदि ने संबोधित किया। जुलूस में जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मेहताब सिंह यादव, वसंत जैन, रंधीर सिंह, लक्ष्मण सिंह, अशोक ताम्रकार, कमल सिलाकारी, आनंद प्रताप सिंह, महेन्द्र यादव, राजा यादव, अजय दांतरे, दशन सक्सेना, रमेश तिवारी आदि अनेक कांग्रेसी मौजूद थे।