अगर कोरोना विदिशा तक आता है तो टीकाकरण से वंचित इन बच्चों को खतरा ज्यादा रहेगा। जिले में 12 से 14 साल में 64 हजार और 15 से 17 वर्ष वाले 94 हजार विद्यार्थी हैं। अभी तक 60 हजार विद्यार्थी टीकाकरण से वंचित हैं। इन बच्चों को टीका शीघ्र लगना जरूरी है। इस कार्य में शिक्षा विभाग ने शुरुआती दौर में रुचि दिखाई लेकिन विभाग के सहयोग के बिना यह कार्य अब तक पिछड़ा है। बच्चों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान फिर से एक बार चलाने की जरूरत है।
विशेष अभियान चलाने की जरूरत: कोरोना का नाम सहज ही सिहरन पैदा करने वाला है। इसकी भयावहता का अहसास जिला कर चुका है, लेकिन अब यह किसी भी हाल में जिले में प्रवेश न कर पाए ऐसा सभी चाहेंगे और अब तक जिला अपनी इस समझ के चलते सुरक्षित भी है पर कोरोना जिले से ज्यादा दूर नहीं है। समीप जिला रायसेन सिर्फ 30 किमी दूर है और भोपाल भी ज्यादा दूर नहीं है।
भोपाल में केस बढ़ने लगे हैं। इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए कोई ठोस प्रयास शासन स्तर पर नहीं दिख रहे हैं। टीकाकरण से वंचित लोगों को टीका लगाने के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चल रहा, यहां तक नगरीय निकाय चुनाव के चलते भी ऐसी कोई सावधानी बरतने के लिए लोगों को सजग नहीं किया जा रहा है।
एक से 30 जून तक लगाए 15000 टीके
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक विभाग के कर्मचारी अपने स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं के साथ गांव-गांव व घर-घर भ्रमण कर टीका से वंचित लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं। 1 जून से 30 जून तक करीब 15 हजार लोगों को उनके घर पहुंचकर टीके लगाए हैं, और यह अभियान सतत जारी है।
कोरोना से बचाव की हमारी तैयारी पूरी है। टीम भी तैयार है। जिला अस्पताल में सैंपलिंग भी की जा रही है। नई गाइडलाइन आना है। कोरोना से बचाव और वैक्सीनेशन के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
- एपी सिंह, सीएमएचओ
अन्य आयुवर्ग के लोगों को भी टीके लगना बाकी हैं। जिले में 1 लाख से अधिक लोग हैं जिनका पूरा वैक्सीनेशन नहीं हो पाया। किसी को पहला, तो किसी को दूसरा, तो किसी को तीसरा डोज लगना बाकी है। 1 लाख 18 हजार वैक्सीन स्टॉक में है। 48 हजार वैक्सीन ऐसी है जो जुलाई माह में एक्सपायरी के दायरे में आ जाएगी।