विदिशाPublished: Jan 31, 2023 04:58:07 am
Bhupendra malviya
मावठा से जमीन में कई दिन रह सकेगी नमी, फसलों को मिलेगी ग्रोथ
विदिशा। जिले में पिछले दिनों मावठा गिरने से फसलों में हुई कुदरती सिंचाई से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। किसानों का मानना है कि खेतों में मावठा से आई नमी अब कई दिनों तक खेतों में रहेगी वहीं मौसम में ठंडक रहने से फसल के लिए यह अनुकूल मौसम है और इससे फसलों को अच्छी ग्रोथ भी मिलेगी और इससे फसल में पहले की अपेक्षा पैदावार बढ़ने की संभावना किसान जता रहे हैं।
मालूम हो कि जिले में रबी फसलों का प्रस्तावित कुल क्षेत्र 5 लाख 30 हजार हैक्टेयर है जबकि करीब 5 लाख 28 हजार 364 हैक्टेयर में बोवनी हुई है और इसमें सर्वाधिक क्षेत्र में गेहूं की बोवनी हुई है। पूर्व में किसान फसलों की सिंचाई के लिए काफी मशक्कत कर रहे थे। बिजली की समस्या तो कहीं ट्रांसफार्मर खराब होने पर उसे बदलवाने की भागदौड़ कर रहे थे, लेकिन मौसम की मेहरबानी हुई और मावठा गिरने से जिले के अधिकांश क्षेत्र में सिंचाई का कार्य बिना लागत के हो गया। इससे किसानों का बड़ा खर्च बचा और मावठा के बाद मौसम में भी ठंडक बनी रहने से इसे फसल के अनुकूल माना जा रहा और इसका लाभ अच्छी पैदावार के रूप में मिलने की संभावना से किसानों में खुशी है।
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घट रही गेहूं की पैदावार की इस बार हो सकती पूर्ति
ग्राम सोजना के किसान प्रहलाद रघुवंशी के मुताबिक पिछले दो वर्ष से गेहूं की पैदावार में पहले की अपेक्षा कमी आई थी। वहीं हर वर्ष बसंत पंचमी के बाद तापमान बढ़ने लगता था, लेकिन इस बार मावठा का लाभ भी मिला और बसंत पंचमी के बाद भी मौसम में ठंडक बनी रहने से जमीन में अधिक दिनों तक नमी बनी रहेगी इससे फसल की ग्राेथ बढ़ेगी वहीं पैदावार भी गत वर्ष की अपेक्षा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि न केवल गेहूं बल्कि देरी से बोई गई चना व मसूर फसल को भी इसमें बेहतर लाभ मिलने की संभावना है।
देरी से हुई बोवनी को अमृत साबित हुआ मावठा
वहीं ग्राम गोबरहेला के उन्नत किसान बृजकिशोर राठी भी इस बार फसल में पैदावार बढ़ने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकांश क्षेत्र में इस बार बोवनी पिछड़ गई थी। जहां गेहूं में एक या दो पानी हो चुका था वहां मावठे से किसान को दूसरा और तीसरा पानी मिल गया। इस फसल से दलहनी फसल को भी लाभ मिलेगा। यह मावठा देरी से हुई बोवनी के लिए अमृत साबित हुआ है। जबकि पूर्व की बोवनी में कुछ दलहनी फसल को मावठे से थोड़ा नुकसान पहुंच सकता है। कुछ ऐसा ही कहना ग्राम अमऊखेड़ी के किसान संदीप रघुवंशी ने भी मौसम को फसल के अनुरूप बताते हुए इस बार फसल में अधिक पैदावार की संभावना बताई है।
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3 लाख 42 हजार हैक्टेयर में है गेहूं की बोवनी
मौसम अनुकूल रहने से सर्वाधिक लाभ गेहूं की फसल में दिखाई दे रहा है जबकि इस का रकबा भी सर्वाधिक 2 लाख 42 हजार 210 हैक्टेयर है। इस समय जिले में हर तरफ गेहूं की फसल लहलहा रही और कई स्थानों पर फसलों में बालियां भी लगना शुरू हो चुकी और किसान खुश दिखाई दे रहे हैं। वे फसल को सेहतमंद बनाए रखने व अच्छी पैदावार के लिए फसल में घुलनशील खाद डाल रहे हैं।
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वर्जन
फसल के लिए मौसम अनुकूल है। मावठा का लाभ भी किसान को मिला है। इससे जमीन में अधिक समय तक नमी रहेगी। वहीं सर्दी भी फसल के अनुरूप है। इससे फसल में पैदावार बढ़ने की संभावना है।
-केएस खपेडि़या, उप संचालक, कृषि विभाग
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रबी फसलों की बोवनी
फसल-बोवनी हैक्टेयर में
गेहूं-342.210
जौ-0.121
चना-80.126
मसूर-61.696
मटर-2.847
सरसों-41.203
अलसी-0.083
गन्ना-0.078
योग -528.364
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