विदिशा

देवशयनी एकादशी आज: बैसनगर में है डेढ़ हजार वर्ष प्राचीन भगवान विष्णु की शयन मुद्रा प्रतिमा

करीब 60-65 वर्ष पहले यह प्रतिमा खुले में पड़ी थी

विदिशाJul 01, 2020 / 07:37 am

KRISHNAKANT SHUKLA

devshayani ekadashi 2020

विदिशा. एक जुलाई को देवशयनी एकादशी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन से देव सो जाते हैं और सभी मांगलिक कार्यों पर चार माह के लिए प्रतिबंध लग जाता है। मान्यता है कि भगवान इस दिन अपनी योगनिद्रा में चले जाते हैं। विदिशा के बैसनगर में भगवान की शयनमुद्रा में करीब डेढ़ हजार प्राचीन प्रतिमा का मंदिर है। करीब 60-65 वर्ष पहले यह प्रतिमा खुले में पड़ी थी, जिसे बैसनगर के खत्री परिवार ने मंदिर बनवाकर स्थापित करा दिया। यह प्रतिमा पुरातात्विक महत्व की है, लेकिन मंदिर में स्थापना के साथ ही इस पर रंग रोगन किया गया और अब यह नए रूप में दिखाई देती है। इसमें भगवान विष्णु शेषनाग की शैया पर विश्राम करते दिखाई दे रहे हैं।

शयन मुद्रा में कई प्रतिमाएं मौजूद

ब्रम्हा और लक्ष्मी सहित कई देवी देवताओं का भी प्रतिमा में अंकन किया गया है। मंदिर के पुजारी पं. विष्णु शास्त्री बताते हैं कि उनकी चौथी पीढ़ी यहां भगवान की सेवा कर रही है। यहां बता दें कि आज का बैसनगर गांव अतीत में वैभवशाली नगर हुआ करता था। भगवान विष्णु की शेषाशायी प्रतिमाओं का चलन विदिशा क्षेत्र में चौथी शताब्दी से सामने आया है। उदयगिरी की गुफाओं में शेषाशायी विष्णु के नाम से एक पूरी गुफा है, जिसमें भगवान विष्ण की शेष नाग की शैया पर विश्राम करते हुए विशाल प्रतिमा है। इसी प्रकार जिला पुरातत्व संग्रहालय में भी भगवान विष्णु की शयन मुद्रा में कई प्रतिमाएं मौजूद हैं।

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