script

diploma engineer association : इंजीनियर एसोसिएशन जिला समिति चुनाव में विवाद, पदाधिकारियों के नामों की कर दी घोषणा

locationविदिशाPublished: Jul 15, 2019 05:20:22 pm

Submitted by:

Bhupendra malviya

निर्विरोध निर्वाचित पदाधिकारियों के इस्तीफे

vidisha

डिप्लोमा इंजीनियरों के चुनाव में विवाद

विदिशा। मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन mp diploma engineer Association जिला समिति के चुनाव में विवाद की स्थिति बन गई। इस विवाद controversy के चलते निर्वाचित पदाधिकारियों ने भी अपने इस्तीफे प्रांतीय पदाधिकारियों को सौंप दिए। चुनाव election की यह प्रक्रिया अग्रवाल धर्मशाला में हुई। इसमें भोपाल से एसोसिएशन के कई प्रांतीय पदाधिकारी आए थे। निर्वाचन के दौरान नियमित एवं संविदा इंजीनियरों की बात पर विवाद खड़ा हो गया। इसमें संविदा इंजीनियर राजेश शर्मा ने सचिव पद के लिए अपना फार्म भरा था। उनका फार्म यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया कि संविदा वालों को पदाधिकारी बनाने का नियम नहीं है। इस बात को लेकर अन्य संविदा इंजीनियर नाराज हो गए और चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया।

news

हमे भीड़ बढ़ाने के लिए सदस्य बनाया है
संविदा इंजीनियर सदस्यों का कहना रहा कि क्या हमे भीड़ बढ़ाने के लिए सदस्य के रूप में शामिल कर रखा है। जब मतदान का अधिकार है तो पदाधिकारी बनने का क्यों नहीं। कई सदस्य अपना विरोध जताने के लिए मंच पर चढ़ गए। निर्वाचन प्रक्रिया में भोपाल से आए प्रांतीय पदाधिकारियों में देवेंद्रसिंह भदौरिया, आरके एस तोमर, जेपी पटेल, बीजी शर्मा, एपीसिंह, सत्येंद्र शर्मा, अनिल जैन, जीपी पाठक आदि शामिल हुए थे।


निर्वाचित पदाधिकारियों ने दिए इस्तीफे
संविदा इंजीनियर्स के विरोध के बीच निर्वाचन करा रहे प्रांतीय पदाधिकारियों ने एक तरफा पदाधिकारियों के नामों की घोषणा कर दी गई। इसमें अवनेश जैन अध्यक्ष, सचिव आरके शर्मा एवं कोषाध्यक्ष एचके श्रीवास्तव घोषित हुए लेकिन यह पदाधिकारी भी संविदा इंजीनियर्स के पक्ष में रहे और अपने पद से इस्तीफे सौंप दिए।


शामिल करने का नियम बनाया जाना चाहिए
अध्यक्ष अवनेश जैन ने बताया कि सभी ने इस्तीफे दे दिए हैं। वहीं संविदा इंजीनियर्स राजेश शर्मा ने कहा कि हमने अपनी वाजिब बात रखी थी। जब हम सदस्य है तो हमे पदाधिकारी बनने का भी हक है। हमें हर आंदोलन में साथ रखा जाता है लेकिन चुनाव के दौरान साथ में खड़े रखने लायक नहीं समझा जा रहा। इस बात पर हमारा विरोध था। नियम नहीं है तो संविदा इंजीनियर्स को शामिल करने का नियम बनाया जाना चाहिए।

ट्रेंडिंग वीडियो