हमे भीड़ बढ़ाने के लिए सदस्य बनाया है
संविदा इंजीनियर सदस्यों का कहना रहा कि क्या हमे भीड़ बढ़ाने के लिए सदस्य के रूप में शामिल कर रखा है। जब मतदान का अधिकार है तो पदाधिकारी बनने का क्यों नहीं। कई सदस्य अपना विरोध जताने के लिए मंच पर चढ़ गए। निर्वाचन प्रक्रिया में भोपाल से आए प्रांतीय पदाधिकारियों में देवेंद्रसिंह भदौरिया, आरके एस तोमर, जेपी पटेल, बीजी शर्मा, एपीसिंह, सत्येंद्र शर्मा, अनिल जैन, जीपी पाठक आदि शामिल हुए थे।
निर्वाचित पदाधिकारियों ने दिए इस्तीफे
संविदा इंजीनियर्स के विरोध के बीच निर्वाचन करा रहे प्रांतीय पदाधिकारियों ने एक तरफा पदाधिकारियों के नामों की घोषणा कर दी गई। इसमें अवनेश जैन अध्यक्ष, सचिव आरके शर्मा एवं कोषाध्यक्ष एचके श्रीवास्तव घोषित हुए लेकिन यह पदाधिकारी भी संविदा इंजीनियर्स के पक्ष में रहे और अपने पद से इस्तीफे सौंप दिए।
शामिल करने का नियम बनाया जाना चाहिए
अध्यक्ष अवनेश जैन ने बताया कि सभी ने इस्तीफे दे दिए हैं। वहीं संविदा इंजीनियर्स राजेश शर्मा ने कहा कि हमने अपनी वाजिब बात रखी थी। जब हम सदस्य है तो हमे पदाधिकारी बनने का भी हक है। हमें हर आंदोलन में साथ रखा जाता है लेकिन चुनाव के दौरान साथ में खड़े रखने लायक नहीं समझा जा रहा। इस बात पर हमारा विरोध था। नियम नहीं है तो संविदा इंजीनियर्स को शामिल करने का नियम बनाया जाना चाहिए।