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आदर्श महाविद्यालय के लिए जिला प्रशासन नहीं देख पाया जगह

locationविदिशाPublished: Mar 25, 2019 11:56:23 pm

Submitted by:

Krishna singh

विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा लाभ, 6 करोड़ की राशि आने के बावजूद अधर में अटका निर्माण कार्य

patrika news

aadarsh mahaavidyaalay

विदिशा. उच्च शिक्षा विभाग से जिले को आदर्श महाविद्यालय (मॉडल कॉलेज) के रूप में मिली सौगात का लाभ प्रशासन की अनदेखी के कारण जिले के विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि इसके निर्माण के लिए 6 करोड़ रुपए की राशि आने के बावजूद तीन माह बाद भी जिला प्रशासन कॉलेज के लिए शासकीय जमीन तक उपलब्ध नहीं करवा पाया है।
मालूम हो कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जिले में 12 करोड़ रुपए की लागत से आदर्श महाविद्यालय खोला जाना है। इसमें से 6 करोड़ रुपए की राशि उच्च शिक्षा विभाग से उपलब्ध भी करवा दी गई है। जिसमें विद्यार्थियों के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए करीब तीन माह पूर्व जिला प्रशासन ने बगैर मौका-मुआयना किए पठारी हवेली के पास पहाड़ी क्षेत्र में शासकीय जमीन उपलब्ध करवा दी थी, लेकिन जब उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कॉलेज प्रबंधन ने इसका सर्वे आदि करवाया, तो पता चला कि इस क्षेत्र में पानी की बहुत किल्लत है। इस कारण यहां आदर्श महाविद्यालय नहीं बनाया जा सकता। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने जिला प्रशासन से दोबारा जमीन उपलब्ध करवाने के लिए कहा, लेकिन करीब तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद जिला प्रशासन अब तक आदर्श महाविद्यालय के लिए जमीन तक उपलब्ध नहीं करवा पाया है। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
शहर से काफी दूर थी जगह
लीड कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार शुरुआत में जो जगह प्रशासन उपलब्ध करवा रहा था, वह नगर से करीब 12 किमी से भी अधिक दूरी पर आउटर में है। ऐसे में शहर के ही विद्यार्थियों का वहां तक पहुंचना आसान नहीं होता और विद्यार्थियों को वहां तक आने-जाने में खासी परेशानी होती। खासकर छात्राओं को ज्यादा दिक्कत होती। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पानी के बोर सक्सेज नहीं रहते हैं और पानी की किल्लत सालभर बनी रहती। वहीं पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इसको समतल कराने में ही काफी राशि खर्च हो जाती। ऐसे में फिर कॉलेज निर्माण के लिए राशि कम पड़ जाती। वहीं पास ही सायलो प्लांट होने की वजह से यातायात जाम बहुत होता है। इसलिए कॉलेज प्रबंधन और उच्च शिक्षा विभाग ने इस जगह को रिजेक्ट कर दिया।
यह होगा लाभ
प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध करवाए जाने पर जो आदर्श महाविद्यालय बनाया जाएगा। उसमें तकरीबन 5 हजार विद्यार्थियों के पढऩे के इंतजाम रहेेंगे। वहां विद्यार्थियों के लिए लगभग सभी विषय उपलब्ध होंगे। विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त कक्ष होंगे। वहीं आधुनिक लैब होंगी। स्मार्ट क्लास के साथ ही ई-लायबे्ररी होगी। वहीं विद्यार्थियों के साथ ही विषयवार पर्याप्त स्टॉफ रहेगा, जो कि अभी जिले के किसी भी शासकीय या अशासकीय कॉलेज में नहीं है।
मॉडल कॉलेज के लिए प्रशासन द्वारा पूर्व में उपलब्ध करवाई गई जमीन पठारी क्षेत्र में होने के कारण समतलीकरण पर खर्च ज्यादा आता। वहां पानी कि उपलब्धता नहीं है। वहीं दूरी भी अधिक है। इसलिए प्रशासन जहां सुविधायुक्त जगह उपलब्ध करवा देगा, वहां मॉडल कॉलेज बनाया जाएगा।
-मंजू जैन, प्रभारी प्राचार्य, लीड कॉलेज, विदिशा
मॉडल कॉलेज के लिए दो बार जगह बताई गई, लेकिन एक जगह पानी की दिक्कत थी और एक जगह और कुछ ओर समस्या थी। वहीं शहर के आसपास इतनी शासकीय भूमि मिल नहीं पा रही है। फिर भी कोशिश की जा रही है। जल्द पर्याप्त जगह मुहैया करवा दी जाएगी।
-आशुतोष शर्मा, तहसीलदार, विदिशा

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