ज्ञापन में कहा गया कि इस स ंबंध में ऑयल मैकिंग कंपनियों से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। वहीं उक्त मशीन की लागत 4 से 5 लाख रुपए बताई जा रही है। वहीं इसे संचालित करने पर एक कुशल कर्मचारी ्रकी भी आवश्यकता होगी। ऐसे में पीयूसी सेंटर पर प्रतिमाह कम से कम 20 से 25 हजार रूपए का अतिरिक्त खर्च आएगा।
जबकि जिलेभर के कुल 120 पेट्रोलपंपों में से 85 प्रतिशत पंप ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। ऐसे में इन पंप संचालकों द्वारा मशीन का व्यय कर पाना संभव नहीं होगा और पंप संचालकों को नुकसान होगा। इसलिए पेट्रोलपंप संचालक पीयूसी सेंटर खोलने में असक्षम हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल सोनकर, महामंत्री सचिन ताम्रकार, विवेक पलोड, मनीष बलेचा, संजय पलोड, बृजेश शर्मा, सुमन सांडिल्य, पंकज एलिया, सौरभ लश्करी, राहुल जालौरी, विनय चौधरी और नौनीत रघुवंशी आदि मौजूद रहे।