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रेप के आरोपी डॉ. पियूष को न्यायालय में किया पेश, तीन दिन की मिली रिमांड

locationविदिशाPublished: Dec 05, 2018 11:13:03 pm

Submitted by:

Krishna singh

भोपाल से आई छह वकीलों की टीम रद्द नहीं करा सकी रिमांड, न्यायालय कक्ष में पैरवी सुनने उमड़ी वकीलों की भीड़

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Dr. Piyush

विदिशा. युवती से बलात्कार के आरोप में घिरे भाजपा नेता डॉ. पियूष सक्सेना को बुधवार की दोपहर चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव के न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसकी तीन दिन की रिमांड पुलिस को मिली। आरोपी की तरफ से भोपाल से छह वकीलों की पैनल रिमांड स्थगित कराने आई थी। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण पैरवी के दौरान न्यायालय कक्ष वकीलों से खचाखच भरा हुआ था। ऐसे में केस से संबंधित लोगों को छोड़कर सभी वकीलों को बाहर जाने के लिए न्यायाधीश को बोलना पड़ा।
दोपहर करीब चार बजे सिविल लाइंस थाना के वाहन से डॉ. सक्सेना को न्यायालय लाया गया। वाहन से उतरने के बाद पुलिसकर्मी उसे बीच में कर न्यायालय परिसर होते हुए न्यायालय तक ले गए। इस दौरान डॉ. सक्सेना की तरफ से भोपाल से छह वकीलों की पैनल आ चुकी थी। इस दौरान न्यायालय कक्ष में एक-एक कर वकीलों की भीड़ लग गई। कक्ष वकीलों से खचाखच भरा हुआ था। सभी की नजर मामले की सुनवाई पर थी। लेकिन वकीलों की भीड़ देखकर न्यायाधीश ने कहा कि-पास्को एक्ट का मामला है, इसलिए जो लोग इस केस से संबंधित हैं वही कक्ष में रूकें, उन्होंने शेष लोगों से बाहर जाने के लिए कहा दिया। सभी वकीलों के बाहर निकलने के बाद बंद कमरे में सुनवाई हुई। बाहर निकाले गए वकीलों ने बंद कमरे में सुनवाई को पहली बार बताते हुए कहा कि इस तरह की धाराओं के केस में सुनवाई हमेशा सभी वकीलों के सामने होती आई है। लेकिन बंद कमरे में सुनवाई से जूनियर वकीलों को सीखने का मौका कैसे मिलेगा।
सवा घंटे हुए सुनवाई
इस मामले की सुनवाई सवा घंटे तक हुई। सरकारी वकील नरेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने छह दिन कि रिमांड न्यायाधीश से मांगी थी, लेकिन न्यायालय से आठ दिसम्बर को दोपहर 12 बजे तक की रिमांड मिली है। उन्होंने बताया कि डॉ. सक्सेना की तरफ से भोपाल से एडवोकेट ललित मोटवानी सहित छह वकीलों की पैनल आई थी, जो रिमांड नहीं दिए जाने की बात कह रही थी। उन्होंने बताया कि डॉक्टर के वकील ने सिर्फ रिमांड रुकवाने की बात रखी थी, जमानत की नहीं।
भोपाल के वकील लड़ रहे केस
मालूम हो कि डॉ. सक्सेना की तरफ से विदिशा से कोई वकील पैरवी नहीं कर रहा है। जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष शिवनारायण शर्मा ने बताया कि पीडि़त युवती के पिता ने अभिभाषक संघ को आवेदन देकर मांग की है कि यहां से कोई वकील डॉ. सक्सेना की पैरवी नहीं करे।
सभी की नजर थी मामले पर
मालूम हो कि हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण इस मामले के एक-एक पहलू पर शहर की नजर है। एक युवती द्वारा डॉ. सक्सेना पर शारीरिक और मानसिक शोषण के आरोप लगाते हुए सिविल लाइंस थाना में रिपोर्ट दर्ज किए जाने से ही सभी सकते में आ गए थे। डॉ. सक्सेना की गिरफ्तारी को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे। आखिरकार एक पखवाड़े बाद सक्सेना भोपाल से पुलिस के हत्थे चढ़ गया और न्यायालय से भी तीन दिन कि रिमांड मिल गई।
-वर्जन-
पास्को एक्ट के मामले न्यायालय में पहले भी आए हैं, लेकिन न्यायालय में अन्य वकीलों को बाहर कर दरवाजे बंद कर सुनवाई करना पहली बार देखा।
-शिवनारायण शर्मा, अध्यक्ष, जिला अभिभाषक संघ

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