लोकनिर्माण विभाग के उदासीन रवैए के कारण बीते कई वर्षों बाद भी इस मार्ग की हालत नहीं बदल सकी है। सड़क के यह गड्ढे नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। खस्ताहाल सड़क के कारण आए दिन वाहनों में टूटफूट होने के कारण वाहनों में रख-रखाव निकल रहा है। जिससे वाहन चालकों वाहन सुधरवाने में अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ रही है। वहीं खस्ताहाल सड़क के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। जिससे नागरिक चोटिल भी हो जाते हैं।
दिनभर रहती है धूल की धुंध
पठारी रेलवे क्रासिंग से धर्मकांटे तक दिनभर धूल की धूंध छायी रहती है। बस, ट्रेक्टर-ट्राली, चार पहिया वाहन या अन्य हैवी वाहनों के निकलने पर धूल के गुबार उड़ते हैं। जिससे दिनभर इस मार्ग पर धूल की धुंध दिखाई देती है। ऐसे में इस मार्ग किनारे के दुकानदारों को दिन में कई बार धूल को साफ करना पड़ता है। फिर भी धूल की परत सामान पर जमी नजर आती है। यही हाल इस मार्ग के घरों का है। धूल के कारण कई नागरिक घरों के खिड़की-दरवाजे बंद रखने में ही अपनी भलाई समझते हैं। बसस्टैंड निवासी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि लगातार उड़ती धूल के कारण वह एलर्जी का शिकार हो गए है। जिसका उन्हें उपचार चल रहा है। इसी तरह कई नागरिकों ने बताया कि धूल के कारण श्वांस लेने में दिक्कत के साथ ही आंखों में भी जलन की शिकायत रहने लगी है।
पठारी रेलवे क्रासिंग से धर्मकांटे तक दिनभर धूल की धूंध छायी रहती है। बस, ट्रेक्टर-ट्राली, चार पहिया वाहन या अन्य हैवी वाहनों के निकलने पर धूल के गुबार उड़ते हैं। जिससे दिनभर इस मार्ग पर धूल की धुंध दिखाई देती है। ऐसे में इस मार्ग किनारे के दुकानदारों को दिन में कई बार धूल को साफ करना पड़ता है। फिर भी धूल की परत सामान पर जमी नजर आती है। यही हाल इस मार्ग के घरों का है। धूल के कारण कई नागरिक घरों के खिड़की-दरवाजे बंद रखने में ही अपनी भलाई समझते हैं। बसस्टैंड निवासी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि लगातार उड़ती धूल के कारण वह एलर्जी का शिकार हो गए है। जिसका उन्हें उपचार चल रहा है। इसी तरह कई नागरिकों ने बताया कि धूल के कारण श्वांस लेने में दिक्कत के साथ ही आंखों में भी जलन की शिकायत रहने लगी है।
शिकायतों के बाद भी नहीं निराकरण
खस्ताहाल सड़क की मरम्मत करने या नई सड़क बनाने की मांग को लेकर स्थानीय नागरिक पंचायत से लेकर एसडीएम तक को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कई बार की गई शिकायतों के बावजूद इस समस्या का निराकरण नहीं होने से नागरिक खासे परेशान हैं।
खस्ताहाल सड़क की मरम्मत करने या नई सड़क बनाने की मांग को लेकर स्थानीय नागरिक पंचायत से लेकर एसडीएम तक को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कई बार की गई शिकायतों के बावजूद इस समस्या का निराकरण नहीं होने से नागरिक खासे परेशान हैं।
नहीं है वाइपास मार्ग
कुरवाई, बीना, गंजबासौदा, पठारी और खुरई से जोडऩे वाले सभी मार्ग नगर के बीचों-बीच हंै। यहां कोई भी बाइपास मार्ग नहीं हैं। जिससे सभी मार्गों पर 24 घंटे वाहनों की कतारें लगी रहती हंैं। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा न तो खस्ताहाल मार्गों को दुरुस्त किया जा रहा है और न ही बाईपास मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।
कुरवाई, बीना, गंजबासौदा, पठारी और खुरई से जोडऩे वाले सभी मार्ग नगर के बीचों-बीच हंै। यहां कोई भी बाइपास मार्ग नहीं हैं। जिससे सभी मार्गों पर 24 घंटे वाहनों की कतारें लगी रहती हंैं। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा न तो खस्ताहाल मार्गों को दुरुस्त किया जा रहा है और न ही बाईपास मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।
इनका कहना है
10 मीटर चौड़े मार्ग का भेजा है प्रस्ताव
पठारी रेलवे क्रासिंग से धर्म कांटे तक के मार्ग पर 10 मीटर चौड़ी सड़क बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही सड़क के साथ दोनों तरफ नालियां बनाई जांएगीं।
– योगेंद्र सिंह, ईई, लोनिवि, विदिशा