scriptमुनिश्री के ऑन लाइन निर्देशन में हुआ समाधिमरण | Due to Corona Munishree gave instructions to online was samadhi maran | Patrika News

मुनिश्री के ऑन लाइन निर्देशन में हुआ समाधिमरण

locationविदिशाPublished: Aug 07, 2020 09:02:08 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

दशम प्रतिमाधारी मंडला के सेठ पद्म सिंघई ने सल्लेखना पूर्वक देह त्यागी, समाधिमरण के बाद मंडला में सिंघई पद्मचंद का डोल निकाला गया..

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विदिशा. मंडला के सेठ पद्मचंद सिंघई ने दशम प्रतिमा के साथ संल्लेखनापूर्वक समाधिमरण स्वीकार किया। कोरोना संक्रमण काल के कारण सिंघई पद्म को विदिशा नहीं लाया जा सका, इसलिए विदिशा से मुनिश्री समतासागर महाराज के ऑन लाइन निर्देशन में यह समाधि हुई। मुनिश्री ने पूरे एक सप्ताह तक मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से कैंसर से पीड़ित 75 वर्षीय सेठ पद्म चंद की संल्लेखना का निर्देशन किया।

मुनिश्री के ऑन लाइन निर्देशन में समाधिमरण
समाज के प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि सेठ पद्मचंद को संल्लेखना का संदेश जब विदिशा में विराजित मुनिश्री समतासागर महाराज के पास ब्रम्हचारी अभय भैया के माध्यम से आया तो मुनिश्री के ऑन लाइन निर्देशन में हुआ यह समाधिमरण भी कोरोना काल का एक उदाहरण बन गया। मुनिश्री अपना समय निकालकर ब्रम्हचारियों तथा समाज के लोगों के मोबाइल के माध्यम से पद्मचंद सिंघई को संल्लेखना संबंधी निर्देश देते रहे। सेठ पद्मचंद आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद से पहले दो और फिर सात तथा दशम प्रतिमा धारण कर चुके थे। अंत में उनकी समाधि संल्लेखना णमोकार महामंत्री के साथ रात 9.30 बजे हो गई। मंडला में उनकी अंतिम डोल यात्रा निकाली गई। उनकी संल्लेखना पर मुनिश्री समतासागर महाराज ने कहा कि एक सद्गृहस्थ भी यदिे जीवन भर देवशास्त्र और गुरु के प्रति समर्पित रहता है तो उसे उचित संयोग मिल जाते हैं। मंडला के सिंघई पद्मचंद अपनी उम्र के 75 वें पड़ाव पर पहुंचकर कैंसर से ग्रस्त हो गए थे, उन्होंने अपनी अंतिम स्थिति को समझकर धर्म के प्रति जागरुकता और धार्मिक निष्ठा के संयम पालन का परिचय दिया।

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