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शिक्षण सत्र समाप्त होने को अब तक नहीं मिली गणवेश: गुड्डीबाई

locationविदिशाPublished: Mar 06, 2019 10:29:27 pm

Submitted by:

Krishna singh

गणवेश वितरण में लापरवाही पर शिक्षा स्थाई समिति की बैठक में हंगामा

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Education session ends so far Uniform: Guddibai

विदिशा. जिला पंचायत की शिक्षा स्थाई समिति की बैठक बुधवार को स्काउट एवं गाइड भवन में हुई। इस दौरान सभापति तथा जिपं उपाध्यक्ष गुड्डीबाई चौधरी ने सरकारी स्कूलों में अब तक गणवेश वितरण नहीं होने और जहां वितरण हुई वह फिटिंग की नहीं होने को लेकर शिक्षा विभाग और आजीविका मिशन अधिकारियों को आड़े हाथ लिया और जमकर नाराजगी जताई। वहीं उनके साथ ही अन्य सदस्यों ने विभाग पर कई मामलों में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए, जिससे बैठक हंगामेदार रही।
सभापति गुड्डीबाई ने कहा कि शिक्षण सत्र समाप्त होने को है और अब तक जिले के कई स्कूल में बच्चों को गणवेश नहीं मिलने से उन्हें पुराने गणवेश या फटे कपड़ोंं में स्कूल जाना पड़ रहा है। वहीं जिन स्कूल में बच्चों को गणवेश दी गई है, वह फिटिंग की नहीं है। किसी में बटन गलत लगे हैं, तो किसी की कमर की फिटिंग गलत है। वहीं सिलाई ऐसी है कि बच्चों के बैठने-उठने में ही वह उधड़ रही है। गुड्डीबाई के साथ ही जिपं सदस्य सरदारसिंह कुशवाह ने कहा कि 170 समूहों को सिलाई का काम दे दिया और उन्हेें न तो प्रशिक्षण दिया और न ही उन्हें सिलाई मशीन सहित अन्य संसाधन उपलब्ध करवाए। सबसे बड़ी बात बच्चों के नाप तक स्कूल में जाकर लिए नहीं और अंदाज से ही गणवेश की सिलाई कर दी। जनप्रतिनिधियों ने गणवेश वितरण में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करने के आरोप बैठक के दौरान लगाए और अधिकारी सफाई देते नजर आए।
विदिशा तहसील में 10 प्रतिशत भी नहीं बंटी
डीईओ कार्यालय के अनुसार जिलेभर में करीब 3 लाख गणवेश बनना थी। इनमें से महज 90 हजार बच्चों को ही गणवेश वितरित हो सकी है। इसमें भी विदिशा ब्लॉक सबसे ज्यादा फिसड्डी रहा है। यहां 45 हजार गणवेश वितरित होना था और अब तक महज 2630 गणवेश ही वितरित हो सकी है। इसी प्रकार कुरवाई में 31 हजार 62 गणवेश वितरित होना थी, लेकिन 5 हजार 300 गणवेश वितरित हुई। ग्यारसपुर में 26 हजार 884 गणवेश वितरित होना थी लेकिन 8 हजार 564 गणवेश वितरित हुई। सिरोंज में 60 हजार 168 वितरित होना थी, लेकिन 19 हजार 122 बंटी, नटेरन में 48 हजार 942 गणवेश वितरित होना थी, 23 हजार 808 बंटी। इसी प्रकार गंजबासौदा में 46 हजार 500 में से 26 हजार 252 गणवेश वितरित हुईं।
अगली बार की तैयारी अभी से करो
जनप्रतिनिधियों ने आजीविका मिशन के अधिकारी देवेंद्र श्रीवास्तव को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह शिक्षण सत्र समाप्त होने के पूर्व कम से कम प्रत्येक विद्यार्थी को दो-दो नहीं तो एक-एक गणवेश मिल सके। इतने इंतजाम तो कर लो। वहीं आजीविका मिशन अधिकारी से कहा कि यदि आपकी बसकी नहीं है, तो अगले शिक्षण सत्र में गणवेश का काम मत लेना और शिक्षा विभाग को सौंप देना। नहीं तो अभी से तैयारियों में जुट जाओ, जिससे अगले शिक्षण में शुरुआत में ही बच्चों को गणवेश मिल सके।
शासन पर उठाया सवाल, तो हुई बहस
गणवेश वितरण को लेकर जब बहस चल रही थी, तो आजीविका मिशनी अधिकारी ने कह दिया कि मैं तो खुद चाहता हूं कि समूहों से गणवेश नहीं बनवाई जाए, यह तो पूर्व सरकार की नीति थी इसलिए जिले के 170 समूहों से बनवाया गया। इस पर समिति सभापति सहित जिपं सदस्य सोहन पाठक और सरदारसिंह आदि नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि आप लोग कोई भी कार्ययोजना आने पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा करते नहीं हो, हमसे कोई सलाह लेते नहीं, कुछ बताते नहीं और क्रियान्वयन शुरु कर देते हो और पूर्व सरकार पर अंगूली उठा रहे हो, तो मामला गर्मा गया। पाठक ने कहा कि हम शासन के प्रतिनिधि है हमें पहले बताया होता तो हम समूहों की जांच करते उनके प्रशिक्षण और उन्हें संसाधन उपलब्ध करवाते तो दिक्कत नहीं आती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस पर आजीविका मिशन अधिकारी सफाई देते नजर आए। उन्होंने स्वीकारा कि गणवेश बनवाने और वितरण करने में काफी दिक्कत आ रही है।
सरकारी स्कूलों में पुताई तक नहीं हुई
सभापति ने कहा कि शिक्षा विभाग में स्कूलों की मरम्मत और पुताई आदि के लिए जो राशि आती है, उसमें खूब भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस कारण स्थिति यह है कि वर्षों से कई स्कूल भवन पुते ही नहीं है, कई खस्ताहाल हो रहे हैं, तो उनकी मरम्मत नहीं करवाई जा रही है। पाठक ने कहा कि वर्ष 2012-13 के स्वीकृत स्कूल भवन या अतिरिक्त कक्ष ही कई जगह अब तक नहीं बन पाए हैं।
10 प्रतिशत खुले स्कूल
जिपं सदस्य सरदारसिंह ने कहा कि लटेरी क्षेत्र सहित जिले के अंचलों में स्थिति यह है कि 90 प्रतिशत स्कूल न तो समय पर खुलते हैं और न समय पर बंद होते हैं। शिक्षकों की मनमर्जी से स्कूलों का खुलना और बंद होना होता है। इस दौरान कई मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों की खिंचाई की।
जनप्रतिनिधियों को करें शामिल
बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद डीईओ एचएन नेमा ने सभी बीआरसी से कहा कि किसी भी तरह की कोई कार्ययोजना आती है, तो उसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सलाह ले और उन्हें बताने के बाद ही उस पर अमल करें। वहीं स्कूल नहीं खुलने के मामले में डीपीसी सुरेश खांडेकर ने सभी बीआरसी और सीआरसी को 20-20 स्कूल प्रतिमाह जांच के लिए दिए जाते हैं। स्कूल बंद मिलने या कोई अनियमिता मिलने पर शिक्षकों का वेतन रोकने सहित अन्य कार्रवाई की जाती है। फिर भी मानीटरिंग तंत और मजबूत किया जाएगा। इस दौरान जिपं उपाध्यक्ष पति लालाराम चौधरी, सुभाष बोहत अन्य जनप्रतिनिधी और बाआरसी लक्ष्मण यादव सहित अन्य बीआरसी और विभिन्न छात्रावास अधीक्षक आदि मौजूद रहे।

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