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विदिशा के कृषि यंत्रोंं और पत्थर का विदेशों में निर्यात बढ़ाने की मशक्कत

locationविदिशाPublished: Oct 17, 2021 09:15:53 am

Submitted by:

govind saxena

निर्यात बढ़़ाने के लिए 20 करोड़ की लागत से विदिशा में क्लस्टर बनाने की तैयारी

विदिशा के कृषि यंत्रोंं और पत्थर का विदेशों में निर्यात बढ़ाने की मशक्कत

विदिशा के कृषि यंत्रोंं और पत्थर का विदेशों में निर्यात बढ़ाने की मशक्कत

विदिशा. गंजबासौदा में फ्लेग स्टोन टाइल्स और विदिशा में कृषि यंत्रों के निर्माण और उनकी गुणवत्ता के कारण ये दोनों उत्पाद देश में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय होते जा रहे हैंँ। इन उत्पादों का युगांडा, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, घाना, मेडागास्कर और अमेरिका में निर्यात किया जा जा रहा है। इस प्रक्रिया को और बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक के सहयोग से योजना तैयार की गई है, जिसमें भारत सरकार द्वारा यहां करीब 5 एकड़ जमीन पर क्लस्टर बनाने की तैयारी है
18 करोड़ से जतरापुरा में बनेगा क्लस्टर
आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत एक जिला एक उत्पाद के तहत विदिशा जिले के विशिष्ट उत्पाद के रूप में कृषि उपकरण जैसे ग्रेडर, डोजर, लेवलर, हाइड्रोलिक ट्रॉली तथा प्लाऊ आदि और पत्थर के क्षेत्र में फ्लेग स्टोन टाइल्स का चयन किया गया है। इन कृषि यंत्रों के निर्माण की जिले में करीब दो सौ इकाइयां हैं। इन कृषि उपकरण निर्माताओं को तकनीकी कौशल उन्नयन, टेस्टिंग सुविधा, विपणन और उत्पाद के निर्यात की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाए जाने का प्रयास हो रहा है। यह काम भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की क्लस्टर डेवलेपमेंट योजना के तहत चल रहा है। इस कॉमन फेसिलिटी सेंटर की स्थापना उद्योग विभाग द्वारा विदिशा के जतरापुरा में 5 एकड़ जमीन पर की जाएगी। यह क्लस्टर करीब 18 करोड़ की लागत से बनाने की तैयारी है।


ग्रेडर, डोजर ही नहीं, अच्छे कारीगर भी बनाते हैं-विष्णु शर्मा

्संजय उद्योग के संचालक विष्णु प्रसाद शर्मा बताते हैं कि उन्होंने 1990 में लोहे के उत्पाद जाली, गेट आदि बनाने की शुरुआत की थी और फिर 1996 से पूरी तरह कृषि उत्पादों में काम करने लगे। अब 25 एचपी के ट्रेक्टर में भी डोजर चलाया जा रहा है। हर साल हम ग्रेडर, डोजर, लेवलर ही नहीं बनाते बल्कि एस्पर्ट कारीगर भी तैयार करते हैं जो बड़ी संख्या में अपने खुद के काम करते हैं या फिर दूसरों के उद्योग में मदद करते हैं। हमारे उत्पाद कई प्रदेशों में जाते हैं, इसी तरह के एक प्रयास में केन्या और दक्षिण अफ्रीका तक उत्पाद गए हैं। अभी तेलंगाना के लिए 500 डोजर तैयार करने का ऑफर है।

विदिशा के ग्रेडर नंबर वन- द़ुष्यंत जैन

अशोक मेटल वक्र्स के संचालक दुष्यंत जैन कहते हैं कि हमने 21 वर्ष पहले कृषि यंत्र बनाने का यह काम शुरू किया था। हमारे यहां ग्रेडर, डोजर, लेवलर, लोडर और रिवर्सेबल प्लाऊ बनाए जाते हैं जिनकी खूब मांग है। यहीं के बने ग्रेडर और उनकी क्वालिटी के वीडियो हमने यू-ट्यूब पर डाले थे, इसके बाद ऑनलाइन युगांडा के लोगों ने संपर्क किया तो उन्हें वहां ग्रेडर की सप्लाई दी। हमने ट्रेक्टर में लगने वाले सस्ते डोजर बनाए हैं। विदिशा के ग्रेडर की पूरे देश में खूब मांग है, ये मुख्य रूप से ग्वालियर और विदिशा में ही बनते हैं। लेकिन डोजर के मामले में विदिशा नंबर वन है।

बीस लोगों की रजिस्टर्ड टीम करेगी संचालन
निर्यात बढ़ानें पर जोर दिया जा रहा है। कृषि यंत्र बनाने वाली यहां करीब 150-200 इकाइंया हैं। क्लस्टर डेवेलपमेंट स्कीम के तहत इन इकाइयों का क्लस्टर बनाएंगे। 18 करोड़ रूपए का प्लान भेजा है। इससे बनने वाले कॉमन फेसिलिटी सेंटर में टेस्टिंग, प्रोफाइल कटिंग और स्किल्ड लैबर के लिए प्रशिक्षण का भी इंतजाम होगा। कच्चे माल की उपलब्धता का प्रयास होगा। इसके लिए जतरापुरा में 5 एकड़ जमीन चिन्हित की है। शासन इसका निर्माण करेगा, लेकिन संचालन के लिए इन्हीं इकाइयों में से 20 लोगों की टीम बनाई जाएगी जो रजिस्टर्ड होगी।

वर्जन…
जिले के उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाने की तैयारी है। पांच एकड़ जमीन पर 18 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। निर्यात की दृष्टि से जिले में स्टोन इंडिया एक्सपोर्ट, अशोक मैटल, उषा इंडस्ट्रीज और संजय उद्योग काफी अच्छा काम कर रहे हैं।
-पीडी वंशकार, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र विदिशा
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