शाहपुर निवासी 75 वर्षीय गुलाबबाई कुशवाह ने बताया कि उसके पति की मौत के बाद तीन बीघा जमीन उसे मिली थी और 21 बीघा सौतेले बेटे को दी थी। लेकिन सौतेला बेटा के लड़के बीती रात तीन बीघा में बोई उड़द की फसल काटकर ले गए। इसके पहले भी वे फसल काटकर ले जा चुके हैं। कुशवाह ने बताया कि उन्होंने पथरिया थाना में शिकायत की, तो पुलिस वालों ने अभद्रता करते हुए भगा दिया और कोई सुनवाई नहीं की। इस दौरान बुजुर्ग महिला रो-रोकर कह रही थी कि यदि उसे न्याय नहीं मिला, तो वह परिसर में ही जहर खा लेगी। महिला ने बताया कि उसका एक बेटा निशक्त है, जो साथ आया है। वहीं एक बेटा घर पर बीमार पड़ा है। इधर, जिला पंचायत सीईओ अग्रवाल ने बताया कि वे इस मामले की जांच एसडीएम से करवा रहे हैं। बुजुर्ग महिला को न्याय दिलवाया जाएगा।
सेवानिवृत्त शिक्षक की एक साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी पेंशन
बरखेड़ाजागीर हायर सेकंडरी स्कूल के एक शिक्षक की रिटायरमेंट के एक साल बाद भी पेंशन शुरू नहीं हो सकी है। जिसकी शिकायत वह शिक्षा विभाग, बैंक, ट्रेजरी और जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन में कर चुका, लेकिन उसकी अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है। जिससे वह परेशान है। बरखेड़ाजागीर हासें स्कूल से नवम्बर 2018 में रिटायर्ड हुए शिक्षक देवीसिंह राजपूत ने बताया कि उनके रिटायरमेंट के एक साल बाद भी उनकी पेंशन शुरु नहीं हो पाई है। बार-बार शिक्षा विभाग, बैंक के चक्कर काटने के बाद शमशाबाद स्थित एसबीआई बैंक में बताया गया कि उनका पीपीओ रेकार्ड गुम हो गया है। इस कारण दिक्कत आ रही है। जिसकी शिकायत वे चार बार जनसुनवाई में कर चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि पांच बार सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है।
बरखेड़ाजागीर हायर सेकंडरी स्कूल के एक शिक्षक की रिटायरमेंट के एक साल बाद भी पेंशन शुरू नहीं हो सकी है। जिसकी शिकायत वह शिक्षा विभाग, बैंक, ट्रेजरी और जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन में कर चुका, लेकिन उसकी अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है। जिससे वह परेशान है। बरखेड़ाजागीर हासें स्कूल से नवम्बर 2018 में रिटायर्ड हुए शिक्षक देवीसिंह राजपूत ने बताया कि उनके रिटायरमेंट के एक साल बाद भी उनकी पेंशन शुरु नहीं हो पाई है। बार-बार शिक्षा विभाग, बैंक के चक्कर काटने के बाद शमशाबाद स्थित एसबीआई बैंक में बताया गया कि उनका पीपीओ रेकार्ड गुम हो गया है। इस कारण दिक्कत आ रही है। जिसकी शिकायत वे चार बार जनसुनवाई में कर चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि पांच बार सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है।