अधिक राशि के बिल आने की समस्या शहर के किसी एक क्षेत्र में नहीं, अपितु पूरे शहर की है। चाहे बात करें उदयनगर, बंटीनगर कॉलोनी या किलेअंदर बक्सरिया, चौपड़ा, हरिपुरा, बरईपुरा आदि सभी क्षेत्रों के लोग इस माह बिजली के बिल देखकर खासे परेशान हैं। उदयनगर निवासी मोहित रघुवंशी ने बताया कि हर माह जहां बिल एवरेजन १५० रुपय आता था, इस माह १३०० रुपय आया है। इसी प्रकार किलेअंदन निवासी आकांक्षा परिहार ने बताया कि हर माह जहां बिजली बिल ९५ और १०० रुपय आता था। पिछले माह ऑनलाइन ९५ रुपय बिल जमा भी किया था। इसके बावजूद इस माह ४ हजार ५९५ रुपय का बिल आ गया है। एकदम से इतनी अधिक राशि का बिल देखकर घर में सभी परेशान हैं।
शहर के कई क्षेत्रों में विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली के बिल अंतिम तारीख निकल जाने के बाद वितरित किए जा रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को अंतिम तारीख के बाद बिजली बिल जमा करने पर अतिरिक्त भार भी देना होगा। बक्सरिया निवासी कुमकुम शर्मा ने बताया कि बिजली का बिल १७ मई को उनके घर आया, जबकि उसमें बिजली बिल जमा करने की अंतिम तारीख १६ मई लिखी हुई थी। ऐसे में अब बिल अतिरिक्त भार सहित जमा करना होगा। विद्युत उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली बिल समय पर आते, तो अतिरिक्त भार से तो बच जाते।
पुराने अस्पताल रोड स्थित कंपनी के कार्यालय में सोमवार को कार्यालय खुलते ही लोगों की भीड़ दिखी। सबसे ज्यादा उपभोक्ता विद्युत बिलों को सुधरवाने वाले नजर आ रहे थे। कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि वे बिल एडिट करवाने विंडों पर कतारों में लगने के बाद पहुंचे, तो वहां मौजूद कर्मचारी ठीक से बात भी नहीं कर रहे थे और किसी के बिल एडिट किए किसी के नहीं। ऐसे में बिल एडिट करवाने उपभोक्ता परेशान दिखे। गर्मी अधिक होने के कारण दोपहर बाद जरूर यहां भीड़ काफी कम हो गई थी।
मालूम हो कि लॉकडाउन के चलते विगत माह कंपनी के कैश काउंटर बंद थे। ऐसे में अधिकांश लोगों ने ऑनलाइन बिल जमा कर दिए थे। वहीं कई उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा नहीं कर पाए थे। ऐसे में इस माह दो माह का बिल आना था, जो सालभर से भी अधिक की राशि का बिल उपभोक्ताओं को थमा दिए गए हैं।
विगत माह तो फरवरी माह की खपत के आधार पर बिल आए थे। लॉकडाउन के चलते लोगों ने विद्युत खपत अधिक की है। इस माह रीडिंग के आधार पर बिजली बिल दिए गए हैं। १५० अधिक यूनिट होने पर इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ नहीं मिल सकता। इस कारण भी अधिक राशि के बिल आ रहे हैं।
– अवधेश त्रिपाठी, डीई, विद्युत वितरण कंपनी, विदिशा