मालूम हो कि इस बार अतिवृष्टि व बारिश से सोयाबीन, उड़द व धान की फसल को नुकसान पहुचा है। कटाई का कार्य अभी भी जारी है। इससे करीब एक माह बोवनी कार्य पिछड़ चुका है। वहीं जहां कटाई हो चुकी वहां किसान अब रबी बोवनी की तैयारी कर रही है।
इस समय खासकर डीएपी और बीज की खरीदी हो रही। व्यापारियों का कहना है कि अनाज मंडी में नकद भुगतान से किसानों को राहत मिली। उनके पास नकद राशि होने से वे इन खरीदी में शीघ्रता कर रहे हैं। डीएपी गत वर्ष से २५० सस्ती, यूरिया के रेट यथावत खाद-बीज विके्रता राजीव पीतलिया, गिरीश बंसल के मुताबिक जिले में दो सौ से अधिक खाद-बीज विक्रेता पंजीकृत है।
बोवनी कार्य में और देरी न हो इसलिए किसान दुकानों पर पहुंच रहे और जल्द ही बोवनी कार्य पूरा करना चाह रहे हैं। व्यापारियों के मुताबिक डीएपी के रेट गत वर्ष 1450 रुपए थे जबकि इस वर्ष १२०० रुपए प्रति बोरी है। इसलिए किसानों को भी इसकी खरीदी में राहत मिली है। युरिया के रेट यथावत है।
वहीं गहूं का बीज ३ हजार रुपए क्ंिवटल, गेहूं की नई बेरायटी 3500 से 4000 रुपए क्ंिवटल, चना 5500 से 7 हजार एवं मसूर भी 5500 से 7 हजार रुपए के दाम है। इन क्षेत्रों में होने लगी बोवनी अहमदपुर क्षेत्र के किसान नेता मोहरसिंह रघुवंशी के मुताबिक उनके अहमदपुर क्षेत्र सहित ग्राम डंगरबाड़ा, खेजड़ा, सूरोद, सोंथर, कांकरखेड़ी, बरखेड़ा, सतपाड़ा, करारिया, करइया, पशुखेड़ी, भाटनी, बेरखेड़ी, आदि क्षेत्रों में बोवनी कार्य शुरू हो चुका है।
इसी तरह ग्राम सौजना के किसान प्रहलाद रघुवंशी के मुताबिक ग्राम सौजना सहित मेहनदेर, गुलाबगंज, धनियाखेड़ी, सोंथर, मेहरूखेड़ी, खरी, बड़ागांव आदि में 90प्रतिशत खेत बोवनी के लिए तैयार हो चुके और बोवनी का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
यह है रबी की बोवनी का रकबा गेहूं- 300000 हैक्टेयर चना- 165000 मसूर- 40200 जौ- 300 मटर- 9000 तेवड़ा-10000 सरसो- 400 अलसी-20 गन्ना- 80 कुल रकबा-525000 रबी सीजन के लिए किसान खाद-बीज की खरीदी कर रहे हैं। मंडी में नकद भुगतान से भी इस खरीदी में उत्साह है। इस सीजन में खाद-बीज, खरपतवार नाशक आदि में करीब 50 करोड़ का व्यवसाय रहेगा।
– घनश्याम बंसल, संचालक, खाद-बीज विक्रेता संघ जिले में बारिश के कारण बोवनी कार्य प्रभावित हुआ है। रबी की बोवनी नवंबर माह के अंत तक करना उपयुक्त रहेगा। – एएस चौहान, उपसंचालक, कृषि विभाग