scriptबच्चों के नाम लंकेश, मेघनाथ, कुंभकरण रखकर जताया रावण प्रेम | Expressed love to Ravana by naming children Lankesh, Meghnath, Kumbhak | Patrika News

बच्चों के नाम लंकेश, मेघनाथ, कुंभकरण रखकर जताया रावण प्रेम

locationविदिशाPublished: Oct 14, 2021 02:01:39 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

यहां बना है रावण का मंदिर, पूजा से की जाती है नए कार्य की शुरूआत।

ravan village

विदिशा. देशभर में दहशहरे का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। नवदुर्गा के साथ ही विजयादशमी पर भगवान श्रीराम की आराधना कर रावण दहन किया जाता है। देश में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां आज भी रावण की पूजा की जाती है।

यहां गांव में रावण का मंदिर भी है, और जब भी गांव में किसी नए कार्य की शुरूआत होती है तो रावण की पूजा से ही होती है। इस गांव का एक परिवार तो रावण की सेवा में ही समर्पित हो गया है। इस परिवार ने ही रावण का मंदिर बनवाया। परिवार के बच्चों का नाम लंकेश, मेघनाथ और कुंभकरण है।

ravan_family.jpg

देश में रावण के प्रति प्रेम रखने वाला परिवार विदिशा जिले के लटेरी तहसील का रहने वाला है। खासतौर पर दशहरा पर इस गांव में बने रावण बाबा मंदिर में विशेष पूजा की जाती है, इसे रावण की महा पूजा कहा जाता है। पूरे गांव के लोग प्राचीन रावण मंदिर में भजन कीर्तन करते है और इस विशेष पूजा में शामिल होत हैं। पूजा में रावण के नाभि पर घी का लेप भी लगाया जाता है। जिससे भगवान राम के द्वारा चलाए गए अग्निबाण की तपिस शांत हो जाए। रावण की महापूजा में गांव के ही नहीं, दूर-दूर लोग आते हैं।

ravan

विदिशा जिला नटेरन के पास बसे इस गांव के नाम भी रावण है। इस गांव में अधिकतर ब्राम्हण परिवार निवास करते हैं। गांव में तालाब के साथ ही रावण बाबा का मंदिर है। एक दशक पहले रावण की यह विशाल प्रतिमा एक टीले पर लेटी अवस्था में थी। 6 फीट लम्बी पत्थर की यह प्रतिमा में रावण की नाभि स्पष्ट दिखाई देती है। इस प्रतिमा में रावण के केवल छह सिर दिखाई देते हैं। अन्य चार सिर प्रतिमा के पीछे होने के कारण दिखाई नहीं देते हैं। इस गांव में दशहरे के दिन भी यहां रावण का दहन नहीं किया जाता।

ravan_village.jpg

गांव में हर शुभ काम से पहले रावण बाबा की पूजा की जाती है। अक्सर हर शुभ काम की शुरूआत गजानन की पूजा से की जाती है। लेकिन इस गांव में हर शुभ काम की आगाज रावण की पूजा से होता है। यहां तक कि गांव में शादी के बाद दुल्हन सबसे पहले रावण के मंदिर माथा टेकती है। इस क्षेत्र में मान्यता है कि क्षेत्र में बूधो नाम का एक राक्षस था, जिसने रावण के दरबार में रावण से दंगल लड़ने की इच्छा जाहिर की, तब रावण ने कहा था तुम बापस जाओ और जहां रहते हो वहीं मेरी प्रतिमा से लडऩे का अभ्यास करो।

ravan_village_temple.jpg

इस इलाके में बूधो की पहाड़ी भी है उसके पास ही यह प्रतिमा आदिकाल से स्थापित है। रावण गांव के लोग जब भी नया वाहनों लाते हैं तो सबसे पहले पूजा कर गाड़ी पर जय लंकेश या रावण बाबा की जय लिखवाते हैं। रावण मंदिर के सामने तालाब बना है गांव में इस तालाब पवित्रता को बनाए रखने के लिए कपड़े नहीं धोए जाते।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो