तत्कालीन एसडीएम के द्वारा लगातार जाम की स्थिति को देखते हुए स्कूली वाहनों को स्कूल परिसर में अंदर खड़े करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अधिकारी बदलते ही यह निर्देश बेअसर होते दिखाई दे रहे हैं व वापिस से सड़कों पर जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।
स्कूल प्रबंधन के पास पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के बावजूद भी वह वाहन सड़कों पर ही खड़े कराते हैं जिससे आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। साथ ही पूर्व में कई बार स्कूल से छुट्टी के दौरान हादसे भी हुए हैं। साथ ही मुख्य सड़क पर भारी वाहन निकलने से हादसों का डर भी बना रहता है लेकिन प्रबंधन को इन परेशानियों से कोई मतलब नहीं है उसे तो वाहन बाहर ही खड़े कराने हैं, तो कराएंगे, भले ही टे्रफिक जाम हो या फिर शहर में हादसे हों।
स्कूल प्रबंधन के पास पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के बावजूद भी वह वाहन सड़कों पर ही खड़े कराते हैं जिससे आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। साथ ही पूर्व में कई बार स्कूल से छुट्टी के दौरान हादसे भी हुए हैं। साथ ही मुख्य सड़क पर भारी वाहन निकलने से हादसों का डर भी बना रहता है लेकिन प्रबंधन को इन परेशानियों से कोई मतलब नहीं है उसे तो वाहन बाहर ही खड़े कराने हैं, तो कराएंगे, भले ही टे्रफिक जाम हो या फिर शहर में हादसे हों।
रहवासी हैं परेशान…
आसपास की गलियों में छुट्टी के दौरान गलियां पूरी वाहनों से भर जाती हैं जिसके चलते रहवासी न तो मुख्य सड़क पर आ पाते हंै और न ही मुख्य सड़क से अंदर जा पाते हैं और उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ रहवासियों का तो यह भी कहना है कि भीड़ अधिक होने के चलते लूटपाट का डर बना रहता है।
आसपास की गलियों में छुट्टी के दौरान गलियां पूरी वाहनों से भर जाती हैं जिसके चलते रहवासी न तो मुख्य सड़क पर आ पाते हंै और न ही मुख्य सड़क से अंदर जा पाते हैं और उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ रहवासियों का तो यह भी कहना है कि भीड़ अधिक होने के चलते लूटपाट का डर बना रहता है।
पूर्व में स्कूल प्रबंधन से कई बार कहा गया है कि वह वाहन स्कूल परिसर में अंदर खड़े कराएं लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं। स्कूल के कारण परेशान रहवासी होते हैं। यदि प्रबंधन नहीं मानता है तो आंदोलन के लिए रहवासी मजबूर होंगे। वैसे भी कान्वेंट स्कूल न तो किसी अधिकारी के आदेश को मानता है और न ही स्थानीय नागरिकों की कोई बात मानने को तैयार रहता है उनके नियम कानून अलग ही चलते हैं।
स्कूल प्रबंधन रखता है बेरीकेट्स…
बरेठ रोड शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग है और भारी वाहनों का आवागमन भी बाइपास के लिए इसी मार्ग से होता है जिसके चलते लगातार टे्रफिक जाम रहता है। साथ ही स्कूल प्रबंधन इसी सड़क पर छुट्टी के समय बेरीकेट्स भी लगा देता है जिससे और भी जाम की स्थिति निर्मित होती है।
बरेठ रोड शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग है और भारी वाहनों का आवागमन भी बाइपास के लिए इसी मार्ग से होता है जिसके चलते लगातार टे्रफिक जाम रहता है। साथ ही स्कूल प्रबंधन इसी सड़क पर छुट्टी के समय बेरीकेट्स भी लगा देता है जिससे और भी जाम की स्थिति निर्मित होती है।
कई बार टे्रफिक अमले के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं और बेरीकेट्स को हटाते हैं तब जाकर वहां से वाहन निकल पाते हैं। लेकिन प्रबंधन उन्हे दोबारा से ठीक कराकर वहीं रख देता है जिससे वाहन चालकों को वाहन परेशानी होती है। स्कूल के बच्चे भी बेरीकेट्स में फंसकर गिर जाते हैंं। इस संबंध में जब स्कूल प्रबंधन से दोपहर में संपर्क किया तो उन्होंने संपर्क करने से मना कर दिया। साथ ही पूर्व में भी कई बार उनसे संपर्क किया तो वह संपर्क नहीं करते हैं।
कराएंगे वाहन खड़े…
एसडीएम प्रकाश नायक ने पत्रिका से चर्चा में कहा कि मेरे बंगले के सामने वाहनों की भीड़ लगी रहती है। स्कूल प्रबंधन से बुलाकर चर्चा करेंगे और जो वाहन बच्चों को स्कूल छोड़ते हैं और स्कूल से ले जाते हैं इन वाहनों को स्कूल परिसर में अंदर खड़ा कराया जाएगा।
एसडीएम प्रकाश नायक ने पत्रिका से चर्चा में कहा कि मेरे बंगले के सामने वाहनों की भीड़ लगी रहती है। स्कूल प्रबंधन से बुलाकर चर्चा करेंगे और जो वाहन बच्चों को स्कूल छोड़ते हैं और स्कूल से ले जाते हैं इन वाहनों को स्कूल परिसर में अंदर खड़ा कराया जाएगा।