नायब तहसीलदार की गाड़ी से बांध दी भैस
जब किसान farmer के पास नायब तहसीलदार को काम के बदले में पैसे money देने की व्यवस्था arrangement नहीं हुई तो वह अपनी भैंस buffalo को लेकर तहसील कार्यालय पहुंचा और नायब तहसीलदार Naib Tehsildar सिंद्धात सिंह सिंगला की गाड़ी car से Tied up बांध दी। इस तरह का अनोखा मामला पहले कभी देखने को नहीं मिला था कि कोई किसान अपने काम के लिए महीनों से परेशान हो रहा है और रिश्वत देने के लिए रुपए की व्यवस्था नहीं होने पर भैंस बांधने का काम किया गया हो। इस घटना के बाद तहसील कार्यालय में लोगों की भीड़ लग गई।
पटवारी को किया निलंबित
वहीं इस घटना के बाद कलेक्टर ने पटवारी को कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है। साथ ही नायाब तहसीलदार को जांच होने तक कार्यालय अटैच की कार्रवाई के निर्देश दिए है।
25 हजार रुपए की मांग की थी
किसान भूपत सिंह निवासी पथरिया ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम संजय जैन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मैं पिछले 9 महीने से मेरे पिता की जमीन को मेरे नाम पर बटवारा कराने के लिए परेशान हो रहा हूं। वही काम को करवाने के लिए नायब तहसीलदार सिंद्धात सिंह सिंगला ने 25 हजार रुपए की मांग की थी। जब मेरे पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो लगातार पेशी बड़ा रहे हैं।
रिश्वत के रूप में देने के लिए मेरे पास भैस थी
पिछले डेढ़ महीने में ही आधा दर्जन से भी अधिक पेशियां लगा दी गई हैं। लगातार पैसों के लिए दबाब डाला जा रहा था। मेरी परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होनेे के कारण पैसों का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। मुझे बटवारा करवाने के लिए रिश्वत के रूप में देने के लिए मेरे पास भैस थी। जिसको मैंने नायब तहसीलदार सिंद्धात सिंह सिंगला की गाड़ी से बांध दी है। मुझे उम्मीद है कि अब मेरा काम हो जाएगा।
तीन महीने का है नियम
बटवारा करने के लिए समय-सीमा भी राजस्व विभाग के द्वारा तय की गई है अधिकतम गैर विवादित जमीन के बटबारे तीन महीने में करने का नियम है, लेकिन पिता पुत्र का बटवारा करने के लिए मामले को नौ महिने से अटकाने का काम किया जा रहा था। इसके पीछे नायब तहसीलदार की इरादा कुछ ओर ही था। तभी तो इसका बटवारा जब पटवारी के द्वारा फर्ज बटान पर कर दिया था। पर पटवारी के द्वारा किए गए बटबारे को नायब तहसीलदार ने मानने से इंकार कर दिया।
गुमराह और भटकाने का काम किया जा रहा
चंद दिनों में होने बाले काम को इतने महिनों से रोकने का काम किया जा रहा था। क्योकि किसान से मोटी रकम मिल जाती तो यह काम बहुत पहले ही हो जाता। पर ऐसा नहीं होने पर 9 माह से किसान को गुमराह और भटकाने का काम किया जा रहा है। इसके कारण किसान को मजबूरी में अपनी भैंस को लाना पड़ा।
नायब तहसीलदार पर पहले भी लगे आरोप
वहीं इससे पहले भी नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंह सिंगला पर पहले भी कई किसानों के साथ अभद्र व्यवहार करने एंव प्रकरणों निराकरण करने की एवज में पैसे मांगने के आरोप भी लग चुके हैं। साथ ही रेस्ट हाउस के कर्मचारी के द्वारा भी इन पर गम्भीर आरोप लगाए थे, लेकिन दबाब बनाकर मामले को रफादफा करवा दिया। आए दिन शिकायतें आ रही हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बटवारा करके रिपोर्ट दी थी
इधर कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष नरेन्द्र पाटीदार का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी हमारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को तत्काल हटवाया जाएगा। वहीं सुनील यादव पटवारी का कहना है कि मैने 24 अगस्त में ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी, मैंने पहले ही बटवारा करके रिपोर्ट दी थी, पर उसको मान्य नहीं किया गया।
बटबारा नहीं हो पाया
वहीं नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंह सिंगला का कहना है कि आरोप निराधार है। पटवारी की रिपोर्ट नहीं आने के कारण बटबारा नहीं हो पाया है। किसान के द्वारा ऐसे आरोप और ऐसा क्यों किया जा रहा है इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
इस एसडीएम संजय जैन का कहना है कि पूरे मामले की रिपोर्ट कलेक्टर महोदय को भेज दी गई है। मामले की जांच करने के लिए तहसीलदार के नेतृत्व में टीम का गठन किया जाएगा, जिससे सच्चाई सामने आ सके।