सोसायटियों में पहुंची खाद पर ले नहीं पा रहा किसान
बैंक कर्ज ने रोक दिया खाद तक पहुंचने का रास्ता
विदिशा
Published: May 12, 2022 01:28:48 am
विदिशा। किसान खरीफ फसल की तैयारियों में है। इसमें खाद हर किसान की प्राथमिक जरूरतों में है। यह खाद किसानों की सोसायटियों तक पहुंच चुकी, लेकिन बैंक कर्ज ने किसानों का खाद प्राप्त करने का रास्ता रोक दिया है। खाद की खरीदी में वे ही किसान पात्र हैं जो बैंक का कर्ज चुका चुके, लेकिन हजारों किसानों के सामने समस्या यह कि उन्होंने शासन को अनाज तो बेचा पर उसका भुगतान लंबे समय बाद भी नहीं मिल पाया और ऐसे में किसान भुगतान के अभाव में बैंक कर्ज नहीं चुका पा रहे और बैंक के कर्जदार रहने के कारण उन्हें सोसायटियों से खाद नहीं मिल पा रहा है।
मालूम हो कि इस बार जिले मेे खाद का अग्रिम भंडार किया गया है। इसकेे पीछे मंशा यही थी कि किसान खाद का अग्रिम भंडारण कर ले और खाद का उठाव होने के साथ-साथ खाद की और रैक बुलवाई जा सके और उसे एनवक्त पर खाद की समस्या से न जूझना पड़े लेकिन अनाज भुगतान की प्रक्रिया ने किसानों को संकट में डाल दिया है। वे बैंक कर्ज चुकाना चाहते हैं और खाद भी लेना चाह रहे पर उनके खातों में अनाज विक्रय के भुगतान की राशि काफी बिलंब से पहुंच रही। भुगतान में देरी के कारण बड़े किसानों को छोड़ दें तो मझौले व छोटे किसानों को शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण योेजना का लाभ भी नहीं मिल पाया क्योंकि जो तारीख इस कर्ज के लिए पूर्व से घो षित है उस तारीख तक फसल ही नहीं कटती और किसानों की मांग पर सरकार ने करीब एक माह की तारीख बढ़ा भी तो वह माह किसानों का अनाज तुलाई में ही बीत गया और अब किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज की योजना में कर्ज की पूरी राशि पर 12 से 14 प्रतिशत ब्याज सहित रा शि जमा करना पड़ रही है। अभी भी बड़ी संख्या में किसान ऐसे रह गए जिन्हें भुगतान नहीं मिला और वे सोसायटियों से खाद नहीं खरीद पा रहे हैं।
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40 हजार से अधिक किसान अभी भी नहीं चुका पाए कर्ज
मिली जानकारी के अनुसार जिले में अकेले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में ही देखें तो अभी 40 हजार से अधिक किसान ऐसे हैं जो बैंक का ऋण अब तक नहीं चुका पाए हैं। इसके पीछे मुख्य कारण समर्थन मूल्य पर अनाज बेंचने से भुगतान में हुई देरी किसान मान रहे हैं। इससे यह किसान शून्य प्रतिशत ब्याज में से भी वंचित रह गए और अब सोसायटियों में आई खाद से भी वंचित है। बैंक से मिली जानकारी के अनुसार इस बैंक में कर्जदार किसानों की संख्या 1 लाख 34 हजार है। इनसे बैंक को 1900 करोड़ रुपए लेना है। इसमें से 52 प्रतिशत वसूली किसानों की हो चुकी है। यानी किसानों से 900 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी है। यह वसूली 30 जून तक चलेगी। इसके बाद जो किसान रह जाएंगे वे डिफाल्टर की गिनती में आ जाएंगे।
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किसानों में इस बात की नाराजी
इधर किसान नेता लाखनसिंह मीणा के मुताबिक समर्थन मूल्य पर अनाज के भुगतान में किसानों की जितनी फजीहत इस वर्ष हुई वह इससे पहले कभी नहीं हुई। एक सप्ताह में अनाज विक्रय का भुगतान की प्रक्रिया है उसका पालन नहीं हो रहा। सरकार ने भुगतान की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जिसके दुष्परिणाम किसानों को भुगतना पड़ रहे हैं। अनाज विक्रय के बाद भुगतान काफी बिलंब से हो रहा। किसानों का भुगतान ऐसे खातों में कर दिया गया जिन्हें किसान भूल चुका था और इस भुगतान को पाने के लिए किसानों को अब भीषण गर्मी में कइ्र किलोमीटर की भागदौड़ करना करना पड़ रही।वही किसान के अनाज विक्रय में बैंक कर्ज की 50 प्रतिशत रा शि पहले ही कट गई इसके बाद भी बैंक, कर्ज की शेष रह गई राशि न लेकर कर्ज की पूरी राशि वसूल कर रही जबकि भुगतान में काटी गई 50 प्रतिशत राशि के संबंध में बैंक व सोसायटी कर्मचारी कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे रहे। किसान नेता का कहना है कि ऐसी आफत और संशय की िस्थति किसानों की पहले कभी नहीं रही।
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वर्जन
बैंक से 1 लाख 34 हजार किसान जुड़े हैं। जिसमें अभी तक 52 प्रतिशत रा शि की वसूली आ चुकी है। बैंक का अभी कोई किसान डिफाल्टर नहीं है। ऋण वसूली 30 जून तक होगी। इसके बाद डिफाल्टर किसानों की संख्या स्पष्ट हो सकेगी। जिन 52 प्रतिशत किसानों ने बैंक ऋण चुका दिया उन्हेंं सोसाटियों से खाद उपलब्ध हो रही है।
-विनय प्रकाश सिंह, सीईओ, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक

सोसायटियों में पहुंची खाद पर ले नहीं पा रहा किसान
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